यहां होती है वर्टिकल फार्मिंग
बता दें कि इजरायल के साथ साथ और भी कई देश हैं जहां वर्टिकल फार्मिंग होती है। दरअसल यहां खेती के लिए जमीन कम है। जिस वजह से यहां के लोग दीवार पर खेती करना बेहतर समझते हैं। इस टेकनीक को इजरायल, अमेरिका, चीन और भी कई देश इसे अपना रहे हैं। इजरायल की कंपनी ग्रीनवॉल के संस्थापक पायोनिर गाइ बारनेस के मुताबिक, उनकी कंपनी के साथ गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियां भी जुड़ी हैं। इनके सहयोग से इस्रायल में कई दीवारों पर वर्टिकल फार्मिंग तकनीक से खेती की जा रही है।
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कंप्यूटर का किया जाता है यूज
बताया जाता है कि दीवार पर खेती करने के लिए कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए छोटे छोटे गमलों नें पौधे लगाकर दीवारों पर इस तरीके से लगाया जाता है कि वो गिरे नहीं। इसकी सिंचाई करने के लिए कंप्यूटर का यूज किया जाता है। गेंहू अनाज को उगाने के लिए यूनिट्स को दीवारों से थोड़ी देर के निकाल कर फिर से दिवार पर लगा दिया जाता है। इन फसलों को उगाने के लिए बूंद बूंद की सिंचाई की टेकनीक को अपनाया जाता है।
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ध्वनि प्रदूषण होता है कम
इस टेकनीक को देशों में अपनाया जा रहा है। इससे जमीन की बचत तो होती हैं। साथ घर का तापमान भी सही रहता है। इससे इसके आसपास के वातावरण में खुश्बू भरा होता है। वहीं वर्टिकल फार्मिंग से ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव भी कम होता है। इस्रायल के अलावा वर्टिकल फार्मिंग यानी दीवार पर खेती की तकनीक अमेरिका, यूरोप और चीन में भी तेजी से फैल रही है।