ऐसे में लगातार ऐसी कोशिश की जा रही है कि ऐसे हादसों को रोका जा सकें। हाथियों ( Elephant ) के ट्रेन से कटने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने नई पहल शुरू की है। मैलानी-बहराइच मीटर गेज रूट पर ‘प्लान-बी’ डिवाइस सेटअप लगाने जा रही है।
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इस सेटअप के जरिए ऐसे हादसों को रोका जा सके जिनमें हाथी ट्रैन से टकराकर अपनी जान गंवा बैठते है। दरअसल इस नए सेटअप में लगी डिवाइस से मधुमक्खी ( Bees ) की आवाज निकलती है जिससे हाथी ट्रैक के पास नहीं आएंगे। एनएफ रेलवे का ज्यादातर हिस्सा पूर्वोत्तर का वन्यजीव क्षेत्र है और यहीं वजह है कि यहां काफी सख्या में हाथी पाए जाते हैं।
एनएफ रेलवे में इसका प्रयोग सफल रहा है। यहां ट्रेन ( Train ) गुजरने के पहले डिवाइस को एक्टिव कर दिया जाता है जिससे मधुमक्खियों ( Bees ) की आवाज निकलने लगती है और हाथी ट्रैक से दूर चले जाते हैं। इसके बाद ट्रेन आराम से ट्रैक से गुजर सकती है।
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ट्रेन वाइल्ड सेक्शन से गुजरने वाली होती है तो स्टेशन मास्टर इस उपकरण को एक्टिव कर देता है। इस डिवाइस की आवाज 50 मीटर रेडियस तक सुनाई देती है। इससे निकलने वाली आवाज को जरूरत के मुताबिक बढ़ाया और घटाया जा सकता है। इस डिवाइस को उस रिसर्च के आधार पर बनाया गया है जिसमें यह शोध हुआ है कि हाथी मधुमक्खी की आवाज से दूर भागते हैं।