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दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखना अब एक बड़ा बाजार बन चला है, जहां आपकी याददाश्त को जिंदा रखने के नाम पर कम्प्यूटराइज्ड ब्रेन गेम्स को बेचा जा रहा है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि एक रिसर्च के अनुसार कोई भी नई हॉबी सीखकर आप न सिर्फ अपनी याददाश्त को मजबूत बना सकती हैं बल्कि कई और बड़े लाभ ले सकती हैं।
अ गर आप अपने रोजाना के कामों की एक सूची बनाएंगी तो पाएंगी कि उसमें कुच नया नहीं है, बल्कि आप रोजाना एक जैसे काम करके ही अपना दिन व्यतीत करती हैं। दरअसल व्यस्तता और भागदौड़ भरी जीवनशैली के चलते नई चीजें सीखने के लिए समय निकालना कुछ हद तक चुनौती भरा काम हो गया है। बहुत से लोग अपने कम्फर्ट जोन को छोडक़र कुछ भी नया नहीं आजमाना चाहते और इस आइडिया को टालते रहते हैं लेकिन नया सीखने के फायदों के बारे में जानने के बाद आपको यह समझ आ जाएगा कि एक ही रूटीन से बंधकर आप अपने माइंड और बॉडी को नुकसान पहुंचा रही हैं। यह जानकर शायद आप टालमटोल छोड़ देंगी और नया सीखने के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगी।
नया और मजेदार होगा यह अनुभव
बेशक आप यह जानती हैं लेकिन आप यह बताइए कि आपने हाल ही नया सीखने का मजा कब उठाया था? बहुत पहले? या फिर कभी नहीं? तो यह बहुत संभव है कि आप यह भूल चुकी हों कि कुछ नया सीखने का आनंद क्या होता है। सच मानिए यह अनुभव ठीक वैसा ही होगा, जैसे किसी बच्चे को कैंडी स्टोर में होता है या फिर पसंदीदा खिलौने को पाकर होता है। यही नहीं, विज्ञान कहता है कि नया अनुभव आपके दिमाग को डोपामाइन की डोज देता है, जिससे आपका मूड बेहतर होता है और तनाव छूमंतर। नया सीखकर आप संपूर्णता और गर्व का भी अहसास करती हैं, जो कोई दूसरा काम करके नहीं कर सकती। आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और निर्णय क्षमता भी।
पहले से ज्यादा समय मिलेगा
सुनने में अजीब लग रहा होगा लेकिन यह सही है। असल में जब आप अपने रूटीन से हटकर कुछ करती हैं और अपनी रोजाना या साप्ताहिक सारणी में कुछ नया जोड़ती हैं तो होता यह है कि आप अपना पूरा शेड्यूल बदल देती हैं और उसी समय में से थोड़ा समय इसके लिए भी निकाल लेती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पसंद का काम करने के लिए आप वक्त की कीमत समझने लगती हैं और उसका उपयोग बेहतर तरीके से करने लगती हैं जिससे आप उतने ही वक्त में ज्यादा काम कर पाती हैं। यही वह तकनीक है, जो समय प्रबंधन गुरु इस्तेमाल करते हैं।
छिपी हुई काबिलियत आएगी बाहर
कुछ नया करके अपनी बॉडी और माइंड को चुनौती दें और आप जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में न केवल खुद को आगे बढ़ता देख पाएंगी, बल्कि अपनी छिपी हुई प्रतिभा को भी पहचान पाएंगी। ऐसे एक नहीं कई उदाहरण हैं, जहां बहुत से कामयाब एथलीट, लेखक, स्पीकर्स आदि को अपनी क्षमताओं का पता ही नहीं चलता अगर वे कुछ नया करने की न सोचते। आप कुछ ऐसा करने का सोचें, जिससे आप अपने कम्फर्ट से बाहर निकल सकें।
नए लोगों से मिलने और दोस्ती का मौका
जब आप कुछ नया सीखने निकलेंगी तो वहां आप की मुलाकात बहुत से नए लोगों से होगी, जो आप ही तरह कुछ सीखने की ललक के साथ वहां पहुंचे होंगे। इन लोगों में आपको कई नए दोस्त मिल सकते हैं। यही नहीं, जब आप समान विचारों वाले लोगों के साथ नियमित रूप से कुछ समय बिताएंगी तो आपको नए विचार, दृष्टिकोण और दिलचस्प किरदारों को जानने का मौका मिलेगा। किसी भी हॉबी क्लास, बुक क्लब, स्पोट्र्स क्लब या ऑनलाइन कुछ सीखते हुए आप ऐसे लोगों के साथ आसानी से जुड़ सकती हैं।
व्यक्तित्व भी निखरेगा और सेहत भी
बोरियत आपको मृत्यु के नजदीक ले जाती है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि उबाऊ जीवन जीने वाले को दिल के दौरे का दो गुना ज्यादा जोखिम होता है। वहीं चिकित्सकों का यह भी मानना है कि अपनी दिनचर्या को बदलते रहना चाहिए क्योंकि जब आप रोज एक ही तरह का काम करते हैं तो आपकी मांसपेशियां उसकी आदी हो जाती हैं और उनकी ग्रोथ रुक जाती है या कम हो जाती है। दूसरी ओर जब आप कुछ नया सीखते या करते हैं तो अपने व्यक्तित्व को संवरने और निखरने का मौका देती हैं और जीवन के कई क्षेत्रों में खुद को अपडेट करती हंै।
Published on:
24 Feb 2018 03:04 pm
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