
Dalai Lama (Photo - ANI)
दलाई लामा (Dalai Lama) दुनियाभर में बौद्ध धर्म (Buddhism) का पालन करने वाले लोगों के लिए धर्मगुरु हैं। तिब्बत (Tibet) के दलाई लामा का वास्तविक पूरा नाम जेत्सुन जम्फेल न्गवांग लोबसांग येशे तेनजिन ग्यात्सो (Jetsun Jamphel Ngawang Lobsang Yeshe Tenzin Gyatso) हैं, लेकिन उन्हें उनके पूरे नाम के बजाय तेनजिन ग्यात्सो नाम से जाना जाता था। हालांकि बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा की उपाधि ग्रहण करने के बाद उन्हें इसी नाम से जाना जाने लगा। वह 14वें दलाई लामा कहलाते हैं और उनकी उम्र 89 साल है। बढ़ती उम्र को देखते हुए उनके उत्तराधिकारी के बारे में कयास लगाने शुरू हो गए हैं।
हिमाचल के धर्मशाला में बुधवार को 15वां तिब्बती धार्मिक सम्मेलन शुरू हुआ है। 3 दिवसीय इस सम्मेलन पर दलाई लामा ने वीडियो मैसेज के ज़रिए साफ कर दिया कि उनके उत्तराधिकारी का फैसला उनके निधन के बाद होगा और वो भी तिब्बती बौद्ध परंपराओं के अनुसार। अपने उत्तराधिकारी के चयन की ज़िम्मेदारी दलाई लामा ने 'गादेन फोडंग ट्रस्ट' को सौंपी है और यह भी बताया है कि इस काम में कोई अन्य व्यक्ति, संगठन या सरकार दखलअंदाज़ी नहीं कर सकती।
दलाई लामा के इस बयान से चीन नाराज़ हो गया है। चीन की तरफ से साफ कर दिया गया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन पर चीन की मंज़ूरी लेनी ज़रूरी है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी किया गया है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन चीन की केंद्र सरकार की मंज़ूरी लेने के बाद ही किया जाएगा।
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से दावा किया गया है कि सिर्फ वो ही दलाई लामा के उत्तराधिकारी को मंज़ूरी देने का अधिकार रखते हैं। हालांकि दलाई लामा और तिब्बती समुदाय की तरफ से चीन के इस दावे को खारिज कर दिया गया है। दलाई लामा ने साफ कर दिया है कि चीन के पास इस तरह का कोई अधिकार नहीं है।
Updated on:
02 Jul 2025 04:22 pm
Published on:
02 Jul 2025 04:21 pm
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