
Donald Trump and Xi Jinping (Photo - IANS)
अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का ‘टैरिफ वॉर’ (Tariff War) नए-नए मोड़ ले रहा है। ट्रंप ने भारत (India) समेत कई देशों पर 2 अप्रैल से 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लागू किया था, लेकिन बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत समेत 75 देशों को इस टैरिफ से राहत देने का फैसला लिया है। ट्रंप ने इस टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगा दी और सिर्फ 10% का रेसिप्रोकल टैरिफ ही लागू करने की घोषणा की। ट्रंप के इस फैसले से दुनियाभर के शेयर मार्केट्स को फायदा हुआ है, लेकिन जहाँ एक तरफ अमेरिका की तरफ से कई देशों को टैरिफ में छूट दी जा रही है, तो दूसरी तरफ चीन (China) को एक के बाद एक झटके दिए जा रहे हैं। ट्रंप के चीन पर टैरिफ लगाने के जवाब में चीन भी अमेरिका पर टैरिफ लगाने से पीछे नहीं हट रहा।
चीन ने अमेरिका पर लगाए टैरिफ को बढाकर 84% कर दिया है। इसके जवाब में अमेरिका ने भी चीन पर लगाए टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया है। दोनों देशों की तरफ से एक दूसरे पर लगाए टैरिफ प्रभाव में भी आ गए हैं।
मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि चीन, अमेरिका से क्या-क्या खरीदता है? इसकी लिस्ट काफी लंबी है। चीन, अमेरिका से एयरोस्पेस उत्पाद और पुर्जे, मूलभूत रसायन, कोयला और पेट्रोलियम गैस, संचार और सेवा उद्योग मशीनरी, इंजन और टर्बाइन, विद्युत उपकरण, तेल और गैस, कंप्यूटर उपकरण, फल और सूखे मेवे, सामान्य प्रयोजन मशीनरी, औद्योगिक मशीनरी, समुद्री उत्पाद, मांसाहारी उत्पाद, चिकित्सा उपकरण, विविध निर्मित धातु उत्पाद, मोटर वाहन और उसके पुर्जे, नेविगेशनल और मापन उपकरण, तिलहन और अनाज, फार्मास्युटिकल उत्पाद और दवाएं, पेपरबोर्ड मिल उत्पाद, रेजिन और सिंथेटिक फाइबर, स्क्रैप उत्पाद जैसी चीज़ें खरीदता है।
अमेरिका, चीन से स्मार्टफोन, कंप्यूटर, टीवी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विभ्भिन मशीनरी और उसके उपकरण/पुर्जे, कपड़े, जूते, खिलौने, गेमिंग डिवाइसेज़, फर्नीचर जैसे बेड, सोफा, टेबल, और अन्य घरेलू ज़रूरत की चीज़ें, प्लास्टिक और रबर उत्पाद, पैकेजिंग सामग्री और ऑटोमोबाइल पार्ट्स जैसी चीज़ें खरीदता है।
इस 'टैरिफ वॉर' का असर दोनों देशों पर पड़ेगा। हाई टैरिफ की वजह से चीन की कई कंपनियों को अमेरिका में अपना सामान बेचने में परेशानी होगी क्योंकि टैरिफ की वजह से उसकी कीमत अमेरिकी बाज़ार में काफी बढ़ जाएगी। इससे उन चाइनीज़ सामानों पर निर्भर रहने वाले अमेरिकी व्यवसायों को भी नुकसान होगा। अमेरिका, चीन के लिए एक बड़ा मार्केट है और इस टैरिफ से चीन को काफी नुकसान होगा। अमेरिका की कई कंपनियाँ भी हाई टैरिफ के चलते चीन में अपना काफी सामान नहीं बेच पाएंगे, जिसका नेगेटिव असर उन कंपनियों से सामान खरीदने वाले चाइनीज़ व्यवसायों पर पड़ेगा।
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Published on:
10 Apr 2025 02:36 pm
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