नकवी ने सउदी अरब के हज एवं उमरा मंत्री डॉ. मोहम्मद सालेह बिन ताहिर के साथ इस प्रस्ताव पर लगभग तीन घंटे चर्चा की। इसके बाद सऊदी अरब सरकार की ओर से अगले साल से समुद्र मार्ग से हज यात्रा पर जाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी जरूरी प्रस्ताव और तकनीक पर अगले माह से कार्य आरंभ करेंगे। इसको लेकर दोनों राष्ट्रों के बीच एक करार पर हस्ताक्षर भी किए हैं। हालांकि पिछले वर्ष भी यही प्रस्ताव रखा रखा गया था।
खर्च में आएगी कमी : रोशन बेग ने बताया कि मुंबई से सउदी अरब को हज पर जाने के लिए आखिरी बार 1995 में समुद्री मार्ग का इस्तेमाल किया गया था। समुद्री मार्ग से यात्रा पर बहुत कम खर्च आएगा, जहां कई अत्याधुनिक व तेज गति वाले जहाज उपलब्ध हैं। महज चार से पांच दिनों में मुंबई से सउदी सऊदी के जेद्दाह बंदरगाह पहुंचा जा सकता है। पहले पुराने जहाजों से जाने पर 15 से 18 दिन का समय दरकार था। एक जहाज में चार से पांच हजार यात्री जा सकते हैं।
गडकरी ने दी थी सलाह : समुद्री मार्ग से हज पर यात्रियों को भेजने के लिए नकवी ने केंद्रीय राजमार्ग एवं जहाजरानी नितिन गडकरी से भी चर्चा की थी। तब गडकरी ने नकवी को सबसे पहले सऊदी अरब सरकार से चर्चा करने का सुझाव दिया था। सऊदी अरब सरकार ने हज यात्रा-2018 की प्रक्रिया को संपूर्ण डिजिटल करने पर भारत की तारीफ की है।