18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पाकिस्तान में गूंजा जय श्री राम, काजमी बनी सीता और अश्मल बने राम, हुआ रामायण का मंचन

पाकिस्तान में रामायण ग्रंथ पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। शो के डायरेक्टर ने बताया कि यह नाटक लोगों को काफी पसंद आया।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Himadri Joshi

Jul 17, 2025

Jai Shri Ram in Pakistan

Jai Shri Ram in Pakistan ( photo - patrika network )

पाकिस्तान के कराची शहर में हिंदूओं के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक महाकाव्या रामायण का मंचन किया गया। खबरों की मानें तो कराची के लोगों को यह नाटक काफी पसंद भी आया है। इसका मंचन मौज नामक एक थिएटर ग्रुप ने किया था। रामायण युग की कहानी को इस ग्रुप ने एआई तकनीक के साथ मिलाकर बेहतरीन अंदाज में पेश किया। एआई का उपयोग कर इसके मंचन को पूरी तरह से जिवंत महसूस कराया गया। इसमें हिलते पेड़, भागते जानवर और महलों की भव्यता को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे सच में रामायण का युग मंच पर उतर आया हो।

पहले भी कराची में हो चूकी रामायण

इस अनोखी एआई मिश्रित रामायण के डायरेक्टर योहेश्वर करेरा ने बताया कि कराची के लोगों को यह रामायण काफी पसंद भी आई है। इसका मंचन 11 से 13 जुलाई तक किया गया था। हालांकि यह पहली बार नहीं था जब पड़ोसी मुल्क में जय श्री राम के नारों के साथ रामायण का मंचन हुआ हो। इससे पहले नवंबर 2024 में कराची में ही रामायण का नाटक पेश किया जा चूका है। इस बार की तरह ही उस समय भी इस नाटक को लोगों से काफी सराहना मिली थी।

काजमी बनी सीता और अश्मल बने राम

कराची में तीन दिन तक चले इस नाटक में राणा काजमी ने सीता की भूमिका अदा कि, जबकि अश्मल लालवानी राम के किरदार में नजर आए। इसके अलावा रावण का रोल सम्हान गाजी और लक्ष्मण का रोल वकास अख्तर ने निभाया। राम भक्त हनुमान के किरदार में जिबरान खान दिखे और उनके अलावा आमिर अली ने दशरथ और सना तोहा ने रानी कैकेयी के किरदार निभाए।

पाकिस्तान में रामायण पेश करने पर नहीं लगा डर

शो के डायरेक्टर योहेश्वर करेरा ने कहा कि, पाकिस्तान में हिंदू धार्मिक ग्रंथ रामायण पर आधारित नाटक का मंचन करने से पहले उन्हें किसी तरह की धमकी का डर नहीं लगा। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ कि लोग इसे लेकर उन्हें कुछ बुरा कहेंगे या किसी तरह की धमकी देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि लोगों को यह पसंद आएगा। करेरा ने कहा, रामायण की कहानी मेरे लिए प्रेरणादायक रही है, और मैं इसे भव्यता और सौंदर्य के साथ दर्शकों के सामने लाना चाहता था। मुझे विश्वास था कि पाकिस्तान का समाज सहिष्णु है और इस नाटक को खुले दिल से स्वीकार करेगा।