TikTok को चीनी लोगों के लिए भी उपलब्ध नहीं होने देंगे
बर्न्स ने ईस्ट-वेस्ट सेंटर के आयोजित एक ऑनलाइन सेमिनार के दौरान कहा कि यहां चीन में सरकारी अधिकारी वर्तमान में टिकटॉक पर चल रही बहस के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) की आलोचना कर रहे हैं। चीन के रूख से लगता है कि वो टिकटॉक को 1.4 अरब चीनियों के लिए भी उपलब्ध नहीं होने देंगे।
क्या कहा था चीन ने?
बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता हे यादोंग ने कल बीजिंग में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि अमेरिका (USA) को वास्तव में बाजार अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन को विदेशी कंपनियों को अमेरिका में निवेश और संचालन के लिए एक खुला, निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण वातावरण देना चाहिए जो वो नहीं कर रहा है। TikTok को लेकर अमेरिका का ये कदम निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार नियमों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रीय सुरक्षा के तथाकथित कारणों का इस्तेमाल दूसरे देशों की अच्छी कंपनियों को मनमाने ढंग से दबाने के लिए किया जा सकता है तो इसमें कहां कोई न्याय है। ये तो वही बात हो गई कि जब कोई व्य़क्ति किसी दूसरे के पास कोई अच्छी चीज़ देखता है तो वो उसे लेने की कोशिश करता है जो कि एक तरह से डकैती होती है।
क्या है विधेयक में?
अमरीकी प्रतिनिधि सभा के पारित इस विधेयक में टिकटॉक की पैरेंट कंपनी के सामने दो ऑप्शन रखे गए हैं। एक ये कि वो TikTok को अमेरिका में किसी कंपनी को बेच दे और दूसरा ये कि उस पर बैन (TikTok Ban In America) लगाया जाए। अब बाइटडांस पर निर्भर है कि वो आगे क्या करता है। वो जो भी करे अब नुकसान उसे और चीन को है और फायदा अमेरिका को है।
TikTok क्यों बैन कर रहा अमरीका?
टिकटॉक को बंद करने की वजह बताई गई है कि इससे अमेरिका के लोगों के लिए समस्या बढ़ गई है। इस टिकटॉक का यूज अमेरिका की 170 मिलियन जनता करती है। इससे अमेरिका की राष्ट्रीय-सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है। उनका डेटा चुरा कर अमरीका के खिलाफ यूज किया जा रहा है जो इसकी सुरक्षा पर गंभीर चिह्न लगा रही है।
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