
चंडीगढ़। प्रदेश में रविवार से प्रस्तावित जाट आरक्षण आंदोलन से पहले राज्य में 4,800 अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई।
सरकार ने किसी भी हालात से निपटने के लिए इन कंपनियों को तैनात किया है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र से और 15 कंपनियां मांगी हैं। प्रशासन ने सात जिलों में हाई अलर्ट लागू किया है।
इसके साथ ही अफवाह रोकने के लिए सोनीपत में इंटरनेट और मैसेज सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।उधर, प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए आपात मामलों को छोड़ सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी गई हैं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद अकील ने बताया कि असामाजिक तत्वों पर कड़ी चौकसी रखी जाएगी। अफवाह फैलाने वाले लोगों से कड़ाई से निपटा जाएगा। शांति बनाए रखने के लिए जन प्रतिनिधियों और ग्राम पंचायतों की मदद मांगी गई है।
साथ ही आंदोलनकारी जल आपूर्ति बाधित ना कर सके, इसके लिए मुनक बांध पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
नहीं करेंगे आंदोलन का समर्थन
हरियाणा प्रदेश के जाट संगठन एवं खाप नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे पांच जून को होने वाले आंदोलन में शरीक नहीं होंगे।
चंडीगढ़ में उनकी कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के साथ बातचीत हो चुकी है। वे राज्य सरकार का सहयोग करेंगे और हाइकोर्ट में अपना पक्ष मजबूती के साथ रखेंगे। इनमें से कई नेताओं ने तो यहां तक कह दिया है कि यशपाल मलिक का हरियाणा से कोई लेना देना नहीं है, वे यूपी से हैं।
हरियाणा में खट्टर सरकार ने 8 जिलों में धारा 144 लगाई है। वहीं एक दिन पहले ही दिल्ली से सटे सोनीपत में मोबाइल-इंटरनेट पर रोक लगाई थी। इसी बीच रोहतक के उपायुक्त अतुल कुमार ने बताया कि 6 संगठनों से बातचीत के बाद उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया है। प्रशासन ने शांति-व्यवस्था कायम रखने के पूरे इंतजाम किए हैं।
Published on:
05 Jun 2016 11:06 am
