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निक्कर पहनना बंद नहीं करेंगे RSS कार्यकर्ता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी यूनिफॉर्म बदल ली है। कार्यकर्ता भले ही अब भूरे रंग की फुल पैंट और सफेद शर्ट में दिखेंगे, लेकिन निक्कर का दौर अभी खत्म नहीं होगा। 

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Nakul Devarshi

Mar 16, 2016

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी यूनिफॉर्म बदल ली है। कार्यकर्ता भले ही अब भूरे रंग की फुल पैंट और सफेद शर्ट में दिखेंगे, लेकिन निक्कर का दौर अभी खत्म नहीं होगा।

संघ ने इसे फिलहाल जारी रखने का फैसला लिया है। अगर कार्यकर्ता चाहें, तो एक्सरसाइज के दौरान काली बेल्ट के साथ हाफ पैंट पहन सकते हैं।

बदले ड्रेस कोड को अपनाना आसान नहीं
आरएसएस के ड्रेस कोड में सालों से खाकी हाफ पैंट शामिल है। ऐसे में बदलाव को अपनाना आसान नहीं है। कई स्वयंसेवक परंपरा को बरकरार रखने के पक्ष में हैं। लिहाजा संघ ने फैसला किया कि एक्सरसाइज सेशन के दौरान कार्यकर्ता हाफ पैंट पहन सकेंगे। संघ प्रचारक के मुताबिक नये हाफ पैंट की कीमत 250 से 300 रुपए के बीच रखी गई है, ताकि स्वयंसेवक इसे आसानी से खरीद सके।

13 मार्च को बदली गई थी आरएसएस की ड्रेस
13 मार्च को नागौर में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय बैठक में सर सहकार्यवाह भैयाजी जोशी ने आरएसएस की ड्रेस में बदलाव का ऐलान किया।

उन्होंने कहा कि हम वक्त के साथ बदलते रहेंगे। खाकी हाफ पैंट के बदले स्वयंसेवक फुल भूरे रंग की पैंट पहनेंगे। लंबे वक्त के बाद ड्रेस में यह बदलाव हुआ है। संघ की देशभर में 56,859 शाखाएं हैं और हर शाखा में 10 स्वयंसेवक हैं। ऐसे में 5 लाख नई ड्रेस की जरूरत है।

कब-कब हुए ड्रेस कोड में बदलाव
संघ के गठन के समय वर्ष 1925 से लेकर 1939 तक संघ की ड्रेस पूरी तरह खाकी थी। वर्ष 1940 में सफेद फुल शर्ट लागू की गई। 1973 में लेदर के जूते की जगह बूट शामिल किए गए। हालांकि रेक्सीन के जूते का भी ऑप्शन रखा गया था। 2010 में तीसरी बार बदलाव किया गया। तब लेदर बेल्ट की जगह कैनवास बेल्ट लाई गई।

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