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घाटी में झड़प, राजनाथ ने कहा मसर्रत फिर भेजा जाएगा जेल

कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की हिरासत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प में सुरक्षाकर्मियों सहित दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मसरत आलम को फिर से जेल भेजा जाएगा।

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santosh khachriyawas

Apr 18, 2015

कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की हिरासत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प में सुरक्षाकर्मियों सहित दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मसर्रत आलम को फिर से जेल भेजा जाएगा।

कांग्रेस ने कहा कि भाजपा-पीडीपी सरकार ने मसर्रत के खिलाफ कार्रवाई मीडिया के चिल्लाने के बाद की, वहीं प्रदेश में गठबंधन सरकार के घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि देशद्रोह के आरोपियों को माफ नहीं किया जाएगा।

श्रीनगर में जुमे की नमाज के बाद जामिया मस्जिद इलाके में पथराव कर रहे युवकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने के बाद सैयद अली गिलानी तथा मसर्रत की नजरबंदी के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने दोनों की तत्काल रिहाई की मांग की।

मसर्रत ने 15 अप्रेल को वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के लिए एक जनसभा का नेतृत्व किया था, जो स्वास्थ्य कारणों से तीन माह दिल्ली में गुजारने के बाद मंगलवार को कश्मीर घाटी लौटे।

राजनाथ से कानपुर में पूछा गया कि क्या मसर्रत को जेल भेजा जाएगा, उन्होंने कहा, ''हां उसे जेल भेजा जाएगा। देखिए और इंतजार कीजिए क्या होता है।ÓÓ

उन्होंने कहा कि हम देश को इस बात से आश्वस्त करना चाहते हैं कि सरकार देश की एकता व अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। देशद्रोहियों को माफ नहीं किया जाएगा।

वहीं दिल्ली में कांग्रेस के महासचिव शकील अहमद ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने देर से कार्रवाई की।

मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार आतंकियों व अलगाववादियों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में सरकार के अस्तित्व को लेकर भारतीय जनता पार्टी कभी दबाव में नहीं आएगी।

भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि जो कोई भी देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

उधर, पुलिस ने कहा कि घाटी में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मसर्रत को गुरुवार को एहतियातन हिरासत में लिया गया। उसके खिलाफ हालांकि लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत न तो ताजा हिरासत संबंधी आदेश जारी किया और न ही पुलिस द्वारा रिमांड मांगने के लिए उसे दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया।

पुलिस ने कहा कि दक्षिणी कश्मीर के त्राल कस्बे में शुक्रवार को दोनों के एक अलगाववादी जनसभा में शामिल होने की घोषणा के मद्देनजर मसर्रत व गिलानी को एहतियातन हिरासत में लिया गया। त्राल में दिन भर कड़ी सुरक्षा रही।

शुक्रवार को पूरा दिन हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। मसर्रत को सुबह में पहले श्रीनगर के शहीदगंज पुलिस थाने भेजा गया, फिर बाद में मध्य बडगामा जिले के हुमहामा पुलिस थाने भेजा गया।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को जनसभा में मसर्रत को चारों तरफ से घेरे उसके समर्थकों ने न सिर्फ पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगाए, बल्कि उन्होंने पाकिस्तान का झंडा भी फहराया। यहां तक कि उन्होंने मीडिया को दिखाने के लिए इलाके के पुलिस मुख्यालय की बाहरी दीवार पर पाकिस्तान का झंडा तक गाड़ दिया।

मसर्रत के खिलाफ जनसभा के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने और पाकिस्तानी झंडा लहराने की शिकायत दर्ज कराई गई है।

जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने सात मार्च को चार सालों से अधिक समय के बाद मसर्रत को एहतियातन हिरासत (प्रीवेंटिव डिटेंशन) से रिहा किया था।

साल 2010 में मसर्रत की गिरफ्तारी को सुरक्षा बलों व खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता मानी थी, जिसने घाटी में एक खूनी आंदोलन का सूत्रपात किया था, जिसकी वजह से सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में 112 युवक मारे गए।