भोपाल. अमझरा मंडी से खजूरीकाल चौराहे तक करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सडक़ का डामरीकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही दोनों ओर दो-दो मीटर सडक़ की चौड़ाई बढ़ाई जा रही है। इससे यहां से आवाजाही करने वाले वाहन चालकों को होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी। बता दें कि राजधानी भोपाल से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही रायसेन जिले के सैकड़ों गांवों को जोडऩे और उनके आने-जाने का यह मुख्य मार्ग है। साथ ही शार्टकट होने और हाइवे पर चलने से बचने के कारण भी ज्यादातर वाहन चालक इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं। ऐसे में दिन भर इस मार्ग से छोटे से लेकर बड़े वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में इस सडक़ के बनाए जाने से सैकड़ों गांवों के लोगों को राहत मिलेगी और उनकी आवाजाही सुगम होगी।
बता दें कि खजूरीकला बायपास जोड़ से अमझरा मंडी तक करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी यह सडक़ सिंगल होने के साथ ही ऊबड़-खाबड़ हो चुकी है। इसी सडक़ किनारे कई कॉलेज होने से यहां आए दिन परीक्षाएं आयोजित कराई जाती हैं। ऐसे में यहां प्रदेश भर से अलग-अलग जिलों से परीक्षार्थी यहां परीक्षा देने आते हैं। सडक़ जर्जर और सिंगल होने से इन्हें नगर वाहन की सुविधा नहीं मिल पाती, जिससे इन्हें जेब खाली करके टैक्सी या ऑटो बुक कर आना पड़ता है। सडक़ बनने से नगर वाहन की सुविधा भी बढ़ जाएगी, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।
देवी धाम कंकाली मंदिर को जाती है सडक़
खजूरी बायपास से अमझरा मंडी होते हुए देवी धाम कंकाली मंदिर के साथ ही बिलखिरिया, गुदावल, चिकलोद, बांसिया, जमुनिया कला के साथ ही रायसेन के लिए यह सडक़ जाती है। वहीं अमझरा मंडी तिराहा से शिवमंदिर भोजपुर, बगरौदा, बंगरसिया, सीआरपीएफ कैम्प, आरपीएफ कैम्प, हिनौतिया आदि गांवों को जोड़ती है। अमझरा मंडी तिराहे से कंकाली मंदिर और भोजपुर मंदिर को जाने वाली सडक़ें सीसी सडक़ बनाई गई हैं। लेकिन साढ़े तीन किलोमीटर लंबी यह सडक़ बदहाल होने से वाहन चालक आने-जाने में आनाकानी करते थे।
रात के अंधेरे में बढ़ जाती है परेशानी
इस मार्ग पर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात के अंधेरे में वाहन चालकों और राहगीरों की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। इससे हमेशा दुघर्टना की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों का कहना है सडक़ बनने से होने वाली दुघर्टनाओं पर रोक लगेगी और लोगों को राहत मिलेगी।
सिंगल रोड होने से वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सामने से बड़ा वाहन आने के बाद दूसरे वाहन को निकलने की जगह नहीं बचती। ऐसे में दो पहिया वाहन चालक और राहगीरों को हादसे की आशंका बनी रहती है।
प्रेम नारायण मीणा, अमझरा मंडी
इस सडक़ से रोजाना हजारों की संख्या में वाहन चालक आवाजाही करते हैं। इस सडक़ से श्रद्धालु कंकाली मंदिर, बंगरसिया, शिव मंदिर भोजपुर, गुदावल, अमझरा सहित सैकड़ों गांवों की राजधानी से कनेक्टिवी होती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों से आने वालों को राहत मिलेगी।
राजेश चौकसे, पार्षद, वार्ड 62