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Lok Sabha Elections 2024: दलितों की राजधानी आगरा में मायावती ने किया चुनावी जनसभा, बोलीं- काम नहीं आएगी जुमलेबाजी

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में जनसभा को संबोधित किया।

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आगरा

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Anand Shukla

May 04, 2024

Lok Sabha Elections 2024 Mayawati Hold rally in capital of Dalits agra says Rhyming words will not work

Lok Sabha Elections 2024: बसपा सुप्रीमो मायावती आज यानी शनिवार को आगरा पहुंची। यहां पर कार्यकर्ताओं ने सोने का मुकुट पहनाकर उनका स्वागत किया। कोठी मीना बाजार मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, "जो गरीब लोग हैं, उन्हें भाजपा ने थोड़ा राशन दिया है। ये थोड़ा राशन आपके टैक्स के रुपए से फ्री में मिलता है। यह राशन, मोदी या भाजपा की जेब से नहीं मिलता। इसलिए जब भाजपा और आरएसएस के लोग आएं और नमक का कर्ज याद दिलाएं तो आप उनके बहकावे में न आएं।

उन्होंने कहा, "हम अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। आगरा से हमने जाटव समाज की महिला को उतारा है। हाथरस से अनुसूचित समाज के साथी को मैदान में उतारा है। फतेहपुर सीकरी से ब्राह्मण समाज को टिकट दिया है। हमने टिकट बंटवारे में सब समाज का ध्यान रखा है। दलित, मजदूर, किसान, मुस्लिम और आदिवासी भाइयों के बलबूते पर हम इस चुनाव को जीतना चाहते हैं। इस भीड़ को देखकर मुझे भरोसा हो गया है कि आप इस बार भी पहले की तरह बसपा के पक्ष में रिजल्ट होंगे।"

सपा ने SC- ST के सरकारी कर्मचारियों का खत्म कर दिया था आरक्षण

मायावती ने कहा, "आजादी के बाद ज्यादातर सत्ता कांग्रेस की रही है। लेकिन, इन्होंने देश का भला नहीं किया। सरकारी नौकरियों में अधूरा पड़ा आरक्षण कोटा पूरा नहीं भरा गया है। जब यहां सपा की सरकार थी तो सरकार ने SC- ST के सरकारी कर्मचारियों का आरक्षण पूरे तरीके से खत्म कर दिया था। जब इस मामले को बसपा ने सदन में उठाया और सरकार पर संशोधन का दबाव बनाया तो कांग्रेस की सरकार ने बीजेपी से मिलीभगत कर सपा को आगे कर बिल सदन में फाड़ दिया और पास नहीं होने दिया।"

आगरा में अभी तक बसपा का नहीं खुला है खाता

आगरा को बसपा का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से बसपा को विधायक तो मिले, लेकिन अभी तक लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली। बसपा ने साल 2009 से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक 10 साल में वोट प्रतिशत में इजाफा किया है, लेकिन पार्टी प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हो पाई है। साल 2009 में बसपा के कुंवरचंद वकील को 29.98 फीसदी वोट मिले। वहीं, साल 2014 में बसपा के नरायन सिंह सुमन को 26.48 फीसदी वोट ही मिल पाए। साल 2019 के चुनाव में सपा से गठबंधन होने पर बसपा प्रत्याशी मनोज कुमार सोनी को 38.47 फीसदी वोट मिले।

फतेहपुर सीकरी में बसपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी पर खेला दांव

फतेहपुर सीकरी पर बसपा ने हर बार ब्राह्मण प्रत्याशी पर ही दांव खेला है। फतेहपुर लोकसभा सीट बनने के बाद 2009 में बसपा प्रत्याशी सीमा उपाध्याय सांसद बनीं थीं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर को हराया था। इसके बाद से पार्टी हर बार ब्राह्मण प्रत्याशी पर ही दांव खेल रही है। सीकरी में लगातार चौथी बार ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा गया है। इनमें साल 2014 और 2019 में पार्टी प्रत्याशी के न केवल वोट कम हुए, बल्कि हार भी हुई।