Ahmedabad. एयर इंडिया फ्लाइट 171 के क्रैश होने की घटना में 242 यात्रियों में से एक मात्र जिंदा बचे यात्री विश्वास को तत्काल घटनास्थल से एंबुलेंस से सिविल अस्पताल पहुंचाने वाली 108 एंबुलेंस की टीम ने आपबीती सुनाई।
सिविल अस्पताल में तैनात 108 एंबुलेंस की टीम के सुपरवाइजर सतिंदर सिंह संधू ने बताया कि 12 जून की दोपहर को 1.40 बजे उन्होंने टिफिन खोलकर मुंह में निवाला रखा ही था कि अचानक धमाके की आवाज सुनी। वह इतनी तेज थी कि उन्हें लगा कि बहुत बड़ी दुर्घटना हो गई है। दौड़कर बाहर निकलकर देखा तो हॉस्पिटल के पीछे हॉस्टल मैस की ओर से धुएं का गुबार उठता नजर आया। ऐसे में वे 1200 बेड में मौजूद सभी 108 एंबुलेंस को घटनास्थल की ओर लेकर पहुंचने का निर्देश देते हुए एक टीम के साथ हॉस्टल पहुंचे।
रास्ते में अहमदाबाद के 108 के प्रोग्राम ऑफिसर जितेन्द्र साही को सूचना दी। कहा कि शायद प्लेन क्रैश हुआ है। साही ने अन्य एंबुलेंस को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए।संधू की सतर्कता के चलते 108 एंबुलेंस की टीम घटना के महज तीन मिनट में ही मौके पर पहुंच गई। वहां पहुंचते ही उन्हें हॉस्टल के पास एक व्यक्ति घायल अवस्था में चलकर बाहर निकलते हुए दिखाई दिया। जिससे उन्होने और उनकी टीम ने उसे एंबुलेंस में बिठाया और सिविल अस्पताल भेज दिया। बाद में उन्हें पता चला कि यह वही यात्री है जो इतने भयंकर हादसे में जिंदा बच गया था। यह टीम सबसे पहले पहुंची थी। इसमें ईएमटी चिंतन वणकर, पायलट धर्मेन्द्र पटेल और चिराग सोलंकी भी शामिल थे। फिर तत्काल 10 एंबुलेंस मौके पर पहुंच गईं।
टीम के सदस्य चिराग सोलंकी ने कहा कि उस समय उन्हें पता नहीं था कि वे जिस व्यक्ति का हाथ पकड़कर उसे एंबुलेंस में बिठा रहे हैं वह विमान हादसे में जिंदा बचने वाला एक मात्र यात्री विश्वास है। उसे अस्पताल लाकर भर्ती कराया। फिर अन्य घायलों को लाने के कार्य में टीम जुट गई।
Updated on:
17 Jun 2025 11:22 pm
Published on:
17 Jun 2025 11:21 pm