30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ahmedabad: वांच गांव के बुजुर्ग किसान ने फालसा पल्प व्यापार की दिखाई नई राह

-सीजन में 12 से 13 लाख का व्यापार कर कमा रहे 8 लाख का मुनाफा, बागवानी विभाग की मदद से लगाई खाद्य प्रसंस्करण इकाई

2 min read
Google source verification
Ahmedabad Amit shah

Ahmedabad. जिले के वांच गांव निवासी बुजुर्ग किसान अमित शाह (63) ने फालसा पल्स व्यापार की नई राह दिखाई है। उन्होंने फालसा की खेती करने के साथ खाद्य प्रसंस्करण से फालसा पल्प तैयार कर बेचना शुरू किया। इससे उनकी कमाई तीन गुना बढ़ गई। सीजन में वे 12 से 13 लाख का फालसा व उसका पल्प बेचकर करीब आठ लाख का मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में पटाखों के लिए प्रसिद्ध वांच गांव अब फालसा की खेती और उसके पल्स बिक्री के लिए जाना जा रहा है।

कोरोना काल में नहीं आए व्यापारी तो आया विचार

प्रिंटिंग प्रेस व्यवसाय से जुड़े अमित बताते हैं कि उनके पिता अरविंद भाई एक दशक से फालसा की खेती कर रहे थे। कोरोना काल में लॉक डाउन लगा तो फालसा खरीदने व्यापारी नहीं आया ऐसे में उन्हें फालसा का पल्प निकालकर उसे कोल्ड स्टोरेज में रखने और बेचने का विचार आया क्योंकि यह जल्द खराब हो जाते हैं। पल्प बेचने पर अच्छे दाम मिले। इसके बाद बागवानी विभाग की एक लाख की आर्थिक मदद से 2024 में खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाकर फालसा पल्प बेचना शुरू किया।

खुद का ब्रांड बनाया

अब वे अपने ब्रांड के नाम से फालसा पल्प थोक में रेस्टोरेंट व व्यापारियों को बेचते हैं। खर्चे निकालने के बाद पांच बीघा फसल से करीब 8 लाख का शुद्ध मुनाफा होता है। बाजार में फालसा की कीमत प्रति किलो 150 रुपए है, जबकि फालसा का पल्प का दाम 450 रुपए प्रति किलो है। दिसंबर में कटाई के बाद अप्रेल के पहले सप्ताह में फल पकते हैं। 25 दिन में तोड़ना पड़ता है। इस वर्ष 6 हजार किलो फालसा उत्पादन की उम्मीद है। गत वर्ष पांच हजार किलो का उत्पादन किया था। आधे का पल्प बनाकर बेचते हैं।

गर्मियों में ज्यादा मांग

फालसा की गर्मियों में ज्यादा मांग होती है। इसकी तासीर ठंडी होती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, फाइबर होता है, यह हीट स्ट्रोक से बचाता है। ब्लड शुगर नियंत्रित करने, उच्च रक्तचाप, एनीमिया में उपयोगी है।

मूल्य संवर्धन किसानों के लिए लाभकारी

जिले के किसान बागवानी फसलों का मूल्य संवर्धन कर उसका व्यापार करने में रुचि दिखा रहे हैं। यह किसानों के लिए लाभकारी है। विभाग भी अलग-अलग 47 योजनाएं चला रहा है।

-जयदेव परमार, प्रभारी बागवानी उपनिदेशक, अहमदाबाद