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गुजरात के बांधों में बीते वर्ष की तुलना में 579 एमसीएम अधिक पानी, 15 तक पहुंच सकता है मानसून

नर्मदा बांध में 414 एमसीएम कम पानी

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file photo

गुजरात में 15 जून तक मानसून के पहुंचने के आसार हैं। इस बीच राज्य के 206 प्रमुख बांधों में पिछले वर्ष की तुलना में पानी का अधिक संग्रह मौजूद है। जो दर्शाता है कि लोगों को पीने के पानी की कोई समस्या नहीं होगी। हालांकि राज्य के सबसे बड़े बांध नर्मदा में इस अवधि में पानी कम हुआ है। इस वर्ष 8 जून को नर्मदा समेत सभी (207) बांधों में 11341 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) संग्रह मौजूद है, जो पिछले वर्ष इस दिन दर्ज हुए 10463 एमसीएम की तुलना में 578.70 एमसीएम अधिक है।राज्य के इन बांधों में जल संग्रह की क्षमता 25264.28 एमसीएम है। रविवार की स्थिति में इन बांधों में 11341.96 एमसीएम पानी मौजूद है जो क्षमता के मुकाबले 44.89 फीसदी है। 9460 एमसीएम की क्षमता वाले नर्मदा बांध में फिलहाल 5115.47 एमसीएम पानी का संग्रह है, जो पिछले क्षमता की तुलना में 54.07 फीसदी है। पिछले वर्ष इसी दिन बांध में 5530.34 एमसीएम पानी का संग्रह है। पिछले वर्ष की तुलना में 414.87 एमसीएम पानी कम हुआ है। 138.68 मीटर की ऊंचाई वाले नर्मदा बांध का स्तर रविवार को 121.09 मीटर पर दर्ज किया गया। राज्य के ज्यादातर भागों में इस बांध से पानी की आपूर्ति की जाती है।

दक्षिण गुजरात के बांधों में सर्वाधिक पानी

दक्षिण गुजरात के 13 बांधों में पिछले वर्ष की तुलना में 878.74 एमसीएम ज्यादा संग्रह है। इन बांधों की संग्रह क्षमता 8610.42 एमसीएम है इसकी तुलना में फिलहाल 3785.39 एमसीएम है, जो 43.96 फीसदी है। पिछले वर्ष इन बांधों में 2906.55 एमसीएम पानी था। मध्यगुजरात के 17 बांधों में फिलहाल क्षमता का 1042.39 एमसीएम (44.41 फीसदी) पानी है। पिछले वर्ष आठ जून को इन बांधों में 1039.36 एमसीएम था। उत्तर गुजरात के बांधों में क्षमता का 29.55 फीसदी पानी शेष रहा है, हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में यह 40.18 एमसीएम अधिक है। कच्छ के 20 बांधों में 27.78 फीसदी पानी शेष रह गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.53 एमसीएम तथा सौराष्ट्र के 141 बांधों में पिछले वर्ष के मुकाबले 361 एमसीएम पानी अधिक है। सौराष्ट्र के बांधों में कुल 2588.53 एमसीएम की क्षमता है और फिलहाल महज 737 एमसीएम पानी ही शेष रहा है जो 28.47 फीसदी है।

27 बांधों में एक फीसदी भी पानी नहीं

राज्य के इन बांधों में से 27 बांध ऐसे हैं जिनमें क्षमता का एक फीसदी भी पानी शेष नहीं रहा है। इनमें भी 13 बांध ऐसे हैं जहां शून्य फीसदी जलसंग्रह रह गया है। इस स्थिति वाले ज्यादातर बांध सौराष्ट्र रीजन के हैं। हालांकि दो बांधों में क्षमता के मुकाबले 90 फीसदी से अधिक पानी का संग्रह है। जबकि एक में 80 फीसदी से अधिक है। तीन बांधों में 70 फीसदी से अधिक तो 200 बांधों में 70 फीसदी से कम संग्रह है।