धारपुर जनरल अस्पताल में पाटण के अलावा आसपास के जिलों से भी कोरोना संक्रमित इलाज कराने आते हैं। एम्बुलेंस में आने वाले मरीजों में गंभीर और गैर गंभीर दो तरीके से मरीज होते हैं, जिसमें ज्यादा गंभीर मरीजों को प्राथमिकता से उपचार देना जरूरी है। इसके लिए अस्पताल के गेट पर ही ओपीडी प्रारंभ की गई है।
जिला कलक्टर सुप्रीतसिंह गुलाटी ने दौरे के बाद कहा कि धारपुर अस्पताल में बुधवार से ही नई व्यवस्था प्रारंभ की गई है, जिसमें गर्भवती महिलाओं के लिए कोई वेटिंगलिस्ट नहीं होगा। अस्पताल के गेट पर ही ओपीडी में एक चिकित्सक और दो नर्स टीम हैं, जो परिसर में प्रवेश करने वाली एम्बुलेंस में ही मरीजों की प्राथमिक जांच करेंगे। मरीज की हालत गंभीर और सामान्य कैटेगरी के हिसाब से अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। यदि बुखार या शरीर में दर्द जैसे प्राथमिक लक्षण वाले मरीजों को जरूरी दवाइयां देकर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाएगी।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष रामावत ने कहा कि मेडिकल टीम की ओर से वेन्टीलेटर या बाइपेप की आवश्यकता वाले मरीजों को कैटेगरी में और सिर्फ उपचार वाले मरीजों को गैर क्रिटिकल के तौर पर मानकर भर्ती के लिए वेटिंग लिस्ट तैयार किया जाएगा। 250 बेड की क्षमता वाले इस जनरल अस्पताल के सभी बेड पर कोरोना संक्रमितों को उपचार दिया जा रहा है। 100 चिकित्सक, 200 नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ और 200 वर्ग-4 के कर्मचारी चौबीस घंटे ड्यूटी करते हैं।