लापरवाही का फ्लू...
अहमदाबाद. हाथीजण में आशा फाउंडेशन में पिछले दिनों बर्ड फ्लू का संक्रमण पाए जाने के बाद अब शहर के पाश रिहायशी इलाके मेमनगर में लगभग दो सौ पक्षियों में इसकी पुष्टि होने से हडकंप मच गया। ये सभी पक्षी चाइनीज मुर्गी प्रजाति के बताए जा रहे हैं, जिन्हें गुरुवार रात को इन्जेक्शन से मारकर मेमनगर स्थित सर्वधर्म रक्षक सेवा ट्रस्ट के परिसर में ही दफना दिया गया। शहर के बीचों-बीच संक्रमित पक्षियों को दफनाए जाने से कई स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया है। इस जगह के एक किमी के दायरे को बर्ड फ्लू से प्रभावित ओर दस कि मी क्षेत्र को अलर्ट घोषित कर दिया है।
पिछले दिनों वाल तालाब के निकट से करीब चौदह सौ पक्षियों में से दो सौ को मेमनगर स्थित सर्व धर्म रक्षक सेवा ट्रस्ट संस्था में लाया गया था। इन सभी मुर्गियों के नमूने लेकर भोपाल स्थित प्रयोगशाला में भेजा गया और गुरुवार को इसकी रिपोर्ट आई। मनपा के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार तीन मुर्गियों की रिपोर्ट बर्ड फ्लू पॉजिटिव थी। इससे सतर्क हुए प्रशासन ने रात को ही वैज्ञानिक तकनीक से सभी संक्रमित मुर्गियों को मारा और उसके बाद सेवा ट्रस्ट के परिसर में ही दबा दिया गया। जिला कलक्टर की ओर से इस विस्तार के एक किमी क्षेत्र को प्रभावित और दस किलोमीटर क्षेत्र को अलर्ट घोषित किया है।
पांच को रखा निगरानी में
इन पक्षियों के संपर्क में रहने वाले ट्रस्ट संचालक समेत पांच जनों को आईसोलेट किया है। इन की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। राज्य के पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. अमित कानानी ने बताया कि केन्द्र सरकार की गाइड लाइन के आधार पर यह प्रक्रिया की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में चिकन की चार दुकानों को सील किया है।
स्थानीय लोगों में है डर
इस इलाके में रहने वाले अनेक लोगों ने बर्ड फ्लू के कारण डर जताया है। उनका कहना है कि क्षेत्र में पार्टी प्लॉट व स्कूल भी हैं। लोगों का कहना है कि पहले ही इतने पक्षियों का मार दिया गया तो इन्हें यहां क्यों लाया गया।
पशुपालन विभाग पर आरोप :
उधर, आशा फाउंडेशन के संचालक हर्मेश भट्ट ने सीधे-सीधे पशुपालन विभाग पर आरोप लगाया है कि अनेक पक्षियों को बे-वजह मार दिया गया है। उन्होंने कहा कि यहां काम करने वाले लोगों को अस्पतालों में भी भर्ती करवाना तो दूर उनकी जांच तक नहीं कराई है, बस उन पर नजर ही रखी गई है।