Breaking news: गुजरात विधानसभा में पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल बहुमत से पारित हो गया है। इस बिल पर काफी समय से विरोध और अड़चनों का दौर जारी था।
अहमदाबाद. राज्य की 15वीं विधानसभा के तीसरे सत्र में चौथे दिन सरकार ने गुजरात पब्लिक यूनिवर्सिटी बिल-2023 पेश किया था। यह बिल विधानसभा में चार बार पहले भी खारिज हो चुका है। काफी समय से विपक्ष व छात्र संकाय इसका पुरजोर विरोध कर रहे थे।
इसके द्वारा सरकार शिक्षा में बड़े बदलाव और विश्वविद्यालयों में स्थानीय राजनीति को खत्म करने के लिए उनका अधिग्रहण करना चाहती है। यह अब संभव हो गया है। विधेयक के लागू होते ही राज्य के 11 विश्वविद्यालय एक ही कानून के तहत संचालित होंगे ।
विधानसभा में बिल पर करीब 5 घंटे तक बहस चली और 12 से ज्यादा विधायकों ने राय दी। कांग्रेस शुरू से ही इसका विरोध कर रही थी आज भी बिल को लेकर सरकार पर सवाल उठाए।
बिल से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदू
· विश्वविद्यालय के कुलाधिपति का कार्यकाल पाँच वर्ष का होगा।
· इस अधिनियम से 11 विश्वविद्यालयों में प्रवेश, अध्ययन एवं परीक्षा प्रणाली में एकरूपता आयेगी।
· महामहिम राज्यपाल राज्य के 10 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होंगे।
· शिक्षकों, प्राचार्यों, विश्वविद्यालय प्रोफेसरों, अध्यक्षों की नियुक्ति में 33% महिला सदस्यों का प्रावधान
· विश्वविद्यालयों में सीनेट, सिंडिकेट और छात्र संघ चुनाव पूरी तरह खत्म कर दिये जायेंगे इसके स्थान पर प्रबंधन बोर्ड कार्य करेगा।
· विश्वविद्यालय अपने सक्षम प्राधिकारी के समर्थन से नए कार्यक्रम, नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए स्वतंत्र होगा। छात्रों को बाहरी रूप में डिग्री प्रदान कर सकता है। ऑनलाइन कोर्स तैयार कर सकते हैं। दूरस्थ पाठ्यक्रम भी संचालित कर सकते हैं।