
गुजरात के अमरेली जिले के गांव में अनोखी समाधि
अभी तक आपने किसी साधु-संत के समाधि की बात सुनी होगी, लेकिन गुजरात में सौराष्ट्र इलाके के अमरेली के एक गांव में समाधि का एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां पर एक किसान संजय पोलरा ने गुरुवार को अपनी लकी कार को समाधि दे दी। इस अवसर पर उन्होंने अपने सगे-संबंधियों व गांव के 1500 लोगों को बुलाया और उन्हें दावत भी दी। कार को समाधि देते देखने के लिए आस-पास के लोग भी बड़ी संख्या में जुटे।
जानकारी के अनुसार, अमरेली जिले की लाठी तहसील के पाडरशिंगा गांव के रहने वाले पोलरा ने 2006 में खरीदी गई अपनी लकी कार को अपने ही खेत में समाधि दी। इसके लिए उन्होंने पहले अपने घर पर कुलदेवी की पूजा की। इसके बाद कार को फूल मालाओं से सजाया और फिर गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद कार को उनके खेत तक ले जाया गया। यहां अपने खेत में एक बड़ा सा गड्ढा खुदवाया और पंडित की उपस्थिति में शास्त्र विधि के साथ कार को समाधि दी गई। इस अवसर पर किसान ने अपने रिश्तेदारो, दोस्तों व गांव वालों को भी मौके पर बुलाया। साथ ही कार्यक्रम को उत्सव में बदल दिया। इस अवसर पर लोगों को पूड़ी, रोटी, लड्डू, सब्जी की दावत दी गई।
पोलरा का मानना है कि जब से उन्होंने यह कार खरीदी तब से उनकी किस्मत ही बदल गई। उनके खेत में उत्पादन में काफी तरक्की हुई। उनकी आर्थिक स्थिति समृद्धि हुई और समाज में उनकी प्रतिष्ठा भी बढ़ी। इसलिए वे इसे बेचना नहीं चाहते थे। कार को बेचने या म्यूजियम में रखने की बजाय हमेशा कार की याद रहे इसलिए उन्होंने अपनी प्रिय कार को खेत में समाधि दे दी।
पोलरा ने बताया कि जब से उन्होंने यह कार खरीदी तब से उनकी काफी तरक्की हुई। इसके बाद उन्होंने सूरत जाकर बिल्डर का काम शुरू किया। बिल्डिंग बनाने का काम बहुत बढ़िया तरीके से चलने लगा। आज इतने बरस के बाद उनके पास महंगी कार है और आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी है।
कुछ ही दिनों पहले उन्हें अपनी लकी कार को अपने ही खेत में समाधि का विचार आया। कार की याद को ताजा रखने के लिए यह उपाय किया। इसका विचार आने के बाद उन्होंने अपने रिश्तेदारों व गांव के साथ-साथ करीब 2000 लोगों को 4 पेज का आमंत्रण कार्ड भी भेजा।
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Published on:
08 Nov 2024 10:08 pm
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