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राज्य में सौर ऊर्जा से बनेगी 45 मेगावाट बिजली

घरेलू उपभोक्ता और गु्रप हाउसिंग सोसायटी लगवा सकेंगी,केन्द्र सरकार ने 30 से बढ़ाकर 40 फीसदी की सब्सिडी, घरेलू उपभोक्ता खुद बिजली का उत्पादन कर होंगे आत्मनिर्भर  

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After generating electricity from solar energy, it will be connected to the grid

सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन के बाद उसे ग्रिड से जोड़ा जाएगा

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. राज्य state में चालू वित्तीय वर्ष में 45 मेगावाट MW बिजली का उत्पादन रूफटॉप सौर ऊर्जा solar energy प्लांट के जरिए होगा। केन्द्र सरकार का नवीन एवं नवीकरणी ऊर्जा मंत्रालय सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए 40 फीसदी सब्सिडी देगी। रूफ टॉप सौर ऊर्जा के लिए अब तक सभी श्रेणियों को अधिकतम 30 प्रतिशत अनुदान ही दिया जाता था जबकि अब निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ता के 3 किलोवाट के सौर ऊर्जा प्लांट के लिए सब्सिडी 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है। इसे जहां राज्य में बिजली electricity उत्पादन में बढ़ोतरी होगी होगी। वहीं आम घरेलू उपभोक्ता खुद बिजली का उत्पादन कर आत्मनिर्भर भी बन सकेगा। भवनों की छत पर खाली जगह का सदुपयोग हो सकेगा और सौर ऊर्जा के जरिए बिजली के उत्पादन से प्रदूषण में कमी आएगी। राज्य में अजमेर डिस्कॉम के तहत आने वाले जिलों में 5 मेगावाट, जोधपुर डिस्कॉम क्षेत्र में आने वालों जिलो में 15 मेगावाट तथा जयपुर डिस्कॉम के तहत आने वाले जिलों में 25 मेगावाट बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा के जरिए होगा।

ये है फायदा

घरेलू उपभोक्ता 1 से 10 किलोवाट तक का सौर ऊर्जा प्लांटलगा सकता है। हाउसिंग सोसायटी को प्रति फ्लैट 10 किलोवाट के हिसाब से अधिकतम 500 किलोवाट की क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की अनुमति है जिस पर लागत की 20 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। उपभोक्ता के यहां स्वीकृत विद्युत भार को अधिकत 80 प्रतिशत क्षमता का रू फ टॉप सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा सकता है। रू फ टॉप सौर ऊर्जा प्लांट से उत्पादित बिजली जो कि कि ग्रिड में जाएगी इसका नेट मीटरिंग के जरिए बिजली कम्पनी द्वारा उपभोक्ता के बिजली बिलों में समायोजन किया जाएगा। सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली यदि 100 यूनिट से अधिक बिजली ग्रिड में जाती है तो बिजली कम्पनी द्वारा 3 रुपए 14 पैसे की दर से उपभोक्ता को भुगतान किया जाएगा। लेकिन 100 यूनिट से कम है तो उसे अगले बिलों में इन यूनिटों का सामायोजन अगले बिलों में किया जाएगा। इससे उपभोक्ता के बिजली बिल में कमी आती है। प्रदूषण में कमी तथा विद्युत वोल्टेज में सुधार होता है। 1 किलोवाट क्षमता के सिस्टम के लिए छाया रहित 100 वर्ग फीट (लगभग) क्षेत्र आवश्यक है। इस प्लांट से प्रतिदिन 4 यूनिट से अधिक का बिजली का उत्पादन।

इन जिलों में लगेंगे प्लांट

अजमेर डिस्कॉम के तहत आने वाले अजमेर,भीलवाड़ा, नागौर, सीकर, झुंझुनूं, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़, राजसमन्द, डूंगरपुर तथा प्रतापगढ़ जिले में 5 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे। जयपुर डिस्कॉम के 11 जिलों में 25 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे। जबकि जोधपुर डिस्कॉम में के तहत ओन वाले जिलों में 15 मेगावाट के सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाएंगे।
प्रतिमाह 600 यूनिट बिजली का उत्पादन

सौर उर्जा के 5 किलोवाट के प्लांट से प्रतिमाह 600 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। 5 किलोवाट के प्लांट की स्थापना लागत 2 लाख 13 हजार रुपए है, इस पर 68 हजार से अधिक की सब्सिडी देय है। उपभोक्ता को 5 किलोवाट प्लांट के लिए 1 लाख 45 हजार भुतान करना पड़ेगा। प्लांट की आयु 25 वर्ष तक होती है जबकि उपभोक्ता द्वारा खर्च राशि 3 साल में वसूल हो जाती है।
इनका कहना है

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए इस अनुदान राशि बढ़ाकर योजना को लाभप्रद बनाया गया है। जिससे लघु एवं मध्यमवर्गीय घरेलू विद्युत उपभोक्ता विशेषतौर से लाभान्वित होंगे।

-आर.बी.सिंह, परियोजना प्रबन्धक, आरआरईसी अजमेर/उदयपुर संभाग

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