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यूनिवर्सिटी तिराहे से जनाना तिहारे तक सड़क होगी जगगम

एडीए लगाएगा रोड लाइटें,81 लाख रुपए होंगे खर्चआयुक्त ने किया निरीक्षण

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यूनिवर्सिटी तिराहे से जनाना तिहारे तक सड़क होगी जगगम

ada

अजमेर. अंधेरे में डूबी यूनिवर्सिटी जनाना रोड janan rode जल्द ही रोशन से जगमग होगी। ADA अजमेर विकास प्राधिकरण ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। इस रोड पर जल्द ही स्ट्रीट लाइटें road lightलगाई जाएंगी। इनमें 100 वाट के एलईडी बल्ब लगाए जाएंगे।
इस पर 81 लाख रुपए खर्च होंगे। प्राधिकरण ने इसका स्टीमेट तैयार कर लिया है जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। पांच किमी लम्बी इस हाइवे सड़क के किनारे कई कॉलोनियां बसी हुई हैं। एडीए ने नियमन शुल्क भी वसूल किया है। यह सड़क वर्तमान में अंधेरे में है। सड़क पर जानवर भी भटकते रहते है। हादसे का अंदेशा भी रहता है। कॉलोनीवासी भी लगातार लाइट लगाने की मांग कर रहे थे। सम्पर्क पोर्टल पर भी कई बार शिकायतें दर्ज करवाई गई थीं। सोमवार को एडीए आयुक्त गौरव अग्रवाल ने यूनिवर्सिटी-जनाना रोड का दौरा भी किया। आयुक्त ने इसके अलावा हरिभाऊ उपाध्याय नगर में सामुदायिक भवन का निरीक्षण किया। इस भवन की प्राधिकरण जल्द ही मरम्मत करवाएगा। आयुक्त ने हरिभाऊ उपाध्याय नगर बी-ब्लॉक में बांडी नदी का भी निरीक्षण किया। आसपास के लोगों ने नदी के लिए बनाई गई दीवार की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की।
शवदाह गृह में अब तक 16 की अंत्येष्टि

ऋषि घाटी श्मशान में एडीए ने बनाया गैस आधारित शवदाह गृह
अजमेर. पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल गैस आधारित शवदाह गृह के जरिए अंत्येष्टि करवाने के लिए अब लोगों का रुझान बढ़ रहा है। पुष्कर रोड स्थित ऋषि घाटी,श्मशान में अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित गैस आधारित शवदाह गृह के जरिए अब तक 16 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें लावारिस शव भी शामिल हैं। गैस आधारित शवदाह गृह में शव के दाह-संस्कार में 1 घंटा 10 मिनट का समय लगता है तथा एक गैस सिलेंडर का उपयोग किया जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल शवदाह गृह में दाह संस्कार के लिए दो हजार रुपए का शुल्क लिया जाता है। गैस आधारित शवदाह गृह से लकड़ी का उपयोग नहीं होता है तथा प्रदूषण कम फैलता है। शव के अंतिम संस्कार में कम समय लगता है।

नगर निगम लेने को तैयार नहीं
एडीए ने गैस आधारित शवदाह गृह का निर्माण ऋषि घाटी श्मशान घाट में पिछले साल करवाया था। इसका संचालन व रखरखाव एडीए ठेकेदार के जरिए करवा रहा है। ठेकेदार को शवदाहगृह संचालन के लिए 0.43 लाख रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। एडीए ने शवदाह गृह का निर्माण नगर निगम की एनओसी के बाद किया था। लेकिन एक साल बाद भी नगर निगम इसका कब्जा लेने को तैयार नहीं है। एडीए नगर निगम को इसके लिए कई बार पत्र लिख चुका है।

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