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अजमेर।अजमेर से पुष्कर जाने के
लिए मौजूदा होकरा बूढ़ा पुष्कर बाईपास के अतिरिक्त अब एक नया बाईपास बनेगा। यह
बाईपास जयपुर रोड आकाशवाणी से शुरू होकर देवनगर तिलोरा होते हुए नागौर मार्ग को
मिलाएगा। मौजूदा बाईपास से यह आठ किलोमीटर छोटा है।
इससे मौजूदा बाईपास के
घुमावदार व ग्रामीण आबादी क्षेत्र से नहीं गुजरना पड़ेगा। यह बाईपास मार्ग टोल रोड
होगा जो पीपीपी मॉड पर बनेगा। मामले में पेच यह है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग को
वन विभाग की अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के बदले भूमि मुहैया कराना है। वन विभाग व
जिला प्रशासन में तालमेल के अभाव में पिछले दो साल से यह कार्य गति नहीं पकड़ पा
रहा।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 89 अजमेर से नागौर- बीकानेर खंड पर
प्रस्तावित 22 किलोमीटर पुष्कर बाईपास प्रस्तावित है। टू लेन पेवर रोड जो 10 मीटर
चौड़ी बनाई जाएगी। मौजूदा पुष्कर बाईपास की लंबाई 30 किलोमीटर है यह बाईपास महर्षि
दयानंद सरस्वती विवि चौराहा जयपुर रोड से कायड़, जनाना, सीकर चौराहा, माकड़वाली,
होकरा, कानस, बूढ़ा पुष्कर तिलोरा तक बना है।
इसके समानांतर ही प्रस्तावित
नया बाईपास होगा। आकाशवाणी जयपुर रोड से गगवाना, कायड़, होकरा, बूढ़ा पुष्कर,
देवनगर से तिलोरा तक बनेगा जो आगे नागौर रोड से जुड़ जाएगा। इसकी लंबाई 22 किलोमीटर
होगी। इस राशि पर टोल बाड़ी घाटी के बाद वसूला जाएगा। नागौर मार्ग पर यह पहला टोल
होगा।
अजमेर नागौर मार्ग 148.25 किलोमीटर मार्ग की कुल 337.15 करोड़ लागत
प्रस्तावित है।वन विभाग को दी जाने वाली भूमि बंजरमामले में प्रस्तावित नए बाईपास
पर 12.75 हैक्टेयर वन विभाग की जमीन आ रही है जिसका प्रत्यावर्तन किया जाना है।
जिला कलक्टर अजमेर की ओर से वन विभाग को पीसांगन व भिनाय उपखंड में भूमि दिखाई गई
जो मापदंडों के अनुरूप सही नहीं होने से वन विभाग ने लेने से इन्कार कर दिया। शेष्ा
राजस्व व खातेदारी की भूमि अवाप्त की जा रही है।
इनका कहना है
जिला प्रशासन के वन विभाग को नियमानुसार उपयुक्त प्रकृति की भूमि उपलब्ध
कराने पर ही स्वीकार्य होगी। अब तक प्रशासन ने दौलतपुरा व अन्य स्थानों पर जो भूमि
दिखाई वह बंजर है और वहां पौधरोपण भी संभव नहीं है। इस लिए भूमि पसंद ना-पसंद का
सवाल नहीं उठता।
राजीव चतुर्वेदी, उप मुख्य वन संरक्षक वन विभाग
अजमेर
दूरी व जोखिम घटेगा
अजमेर से पुष्कर के लिए प्रस्तावित बाईपास
के बनने से जयपुर की ओर से आने वाले वाहनों को पुष्कर, मेड़ता व बीकानेर जाने के
लिए दूरी कम होगी। इसी प्रकार किशनगढ़ के रास्ते पुष्कर जाने के लिए कम वक्त लगेगा।
साथ ही बाईपास में घुमाव व ग्रामीण आबादी क्षेत्र नहीं होने से दूरी घटेगी जिससे
समय भी कम लगेगा व वाहन को आबादी क्षेत्र से नहीं गुजरना पड़ेगा।
दिलीप
शर्मा
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