
water level in ajmer
अजमेर. पिछले महीने बरसात से लबालब हुई आनासागर झील से पानी की निकासी जारी है। सिंचाई विभाग झील का गेज 11 फीट तक पहुंचने पर दोनों चैनल गेट बंद करेगा।
जून के अंतिम सप्ताह में बारिश के चलते आनासागर झील में पानी की आवक बढ़ गई थी। यह अपनी 13 फीट की पूर्ण क्षमता को भी पार कर गया था। जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित के निर्देश पर 1 जुलाई को सिंचाई विभाग की टीम ने दो चैनल गेट खोले। तबसे पानी की निकासी जारी है।झील की भराव क्षमता 13 फीट 4 इंच है। इसकी सुरक्षा के लिए पानी कम किया जाता है। पिछले 21 दिन से पानी की निकासी जारी है।
जलस्तर धीरे-धीरे 11 फीट तक पहुंच रहा है। तय मानक तक पहुंचते ही सिंचाई विभाग चैनल गेट बंद करेगा। मालूम हो कि झील से निकलने वाला पानी एस्केप चैनल से ब्रह्मपुरी, तोपदड़ा, पालबीचला, जादूघर,अलवर गेट होकर आदर्श नगर पहुंचता है। यहां से यह खानपुरा तालाब होते हुए पीसांगन-गोविंदगढ़ होते हुए पाली-जोधपुर जिले तक जाता है।
कभी होते थे रसीले आम, अब रह गया सिर्फ नाम..
रक्तिम तिवारी/अजमेर. फलों के राजा आम का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। उसकी मिठास और सुगंध के सब दीवाने हैं। कभी अजमेर भी आम की पैदावार के लिए मशहूर था। यहां के आम स्वाद में बेहद रसीले होते थे। खासतौर पर दरगाह-अंदरकोट स्थित आमबाव और गुलाबबाड़ी स्थित आम का तालाब इलाकों में 'आम के बगीचे थे। लेकिन वक्त के साथ सिर्फ इनका नाम रह गया है। खूबसूरत बगीचों की जगह मकान बन चुके हैं।
दरगाह-अंदरकोट इलाके से सटा आमाबाव तालाब है। यह इलाका बरसों तक आम की पैदावार के लिए मशहूर रहा। तारागढ़ पहाड़ी से बहते झरने और तालाब में भरपूर पानी होने से यहां पान के 8 से 10 हजार पेड़ थे। इलाके के पीले और हरे रसीले आम ना केवल स्थानीय लोगों बल्कि दरगाह आने वाले जायरीन को भी बेहद पसंद आते थे।
Published on:
22 Jul 2021 08:58 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
