
b.ed students agitation at mds univesrity ajmer
बीएड की द्वितीय वर्ष में इंटर्नशिप की फीस राशि लौटाने की मांग पर शुक्रवार को बीएड के छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूटा। विद्यार्थियों ने एनएसयूआई छात्रों की अगुवाई में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जमा लगा दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी और शिक्षक के कथित टिप्पणी करने से माहौल बिगड़ गया।
पुलिस के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सहित एक छात्र को गिरफ्तार करने पर बीएड की छात्राएं भड़क गई। पुलिस को जाम खुलवाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।छात्र-छात्राओं ने बताया कि सरकार ने सत्र 2015-16 से बीएड पाठ्यक्रम दो वर्षीय कर दिया। साथ ही फीस 25 से बढ़ाकर 54 हजार कर दी।
द्वितीय वर्ष में बीएड के विद्यार्थी पांच माह की इंटर्नशिप कर रहे हैं। इस दौरान बीएड कॉलेज में पढ़ाई नहीं हुई। फीस देने के बावजूद उनसे शिक्षण कार्य की एवज में 26, 880 रुपए लिए गए हैं। यह राशि उन्हें लौटाई जानी चाहिए। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार बंद दिया। करीब दो घंटे तक विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन, नारेबाजी का दौर चला। इस दौरान कविता, संगीता, भूपेंद्र,मनीष, शैलेंद्र, गजेंद्र, यासमीन, दिपाली और अन्य विद्यार्थी मौजूद थे।
आती हैं 'फर्जी लड़कियां
पुलिसकर्मियों से बातचीत के दौरान छात्राएं भड़क गई। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने उनसे अभद्रता करते हुए कहा कि जाओ तुम्हारी जैसी कई 'फर्जीÓ लड़कियां यहां आती हैं। यह बयान आपत्तिजनक है। कुलपति को उस शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इसी दौरान विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी ने भी कथित तौर पर एनएसयूआई छात्रनेता को भी अपशब्द कहे। इससे माहौल ज्यादा बिगड़ गया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष भगवान सिंह और एनएसयूआई नेता श्रीलाल तंवर को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे मामला और बिगड़ गया। कई बीएड के छात्र-छात्राओं ने थाने पहुंचकर उन्हें भी गिरफ्तार करने की मांग की। इससे थाने पर माहौल तनावपूर्ण हो गया। पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन, एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष जितेंद्र गुर्जर और अन्य नेता भी मौजूद रहे।
लौटा चुके कॉलेजों को फीस
डीन छात्र कल्याण प्रो प्रवीण माथुर ने बताया कि मदस विश्वविद्यालय सत्र 2015-16 की बीएड की फीस कॉलेजों को भेज चुका है। इंटर्नशिप की एवज में राशि या अन्य कोई शुल्क का विश्वविद्यालय से लेना-देना नहीं है। यदि कोई कॉलेज अनाधिकृत शुल्क वसूल रहा है, तो विद्यार्थी शिकायत दे सकते हैं। इसकी जांच कराई जाएगी।
Published on:
27 Jan 2017 05:43 pm
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