रक्तिम तिवारी/अजमेर. शहर में जिस तेजी से दोपहिया, तिपहिया और चौपहिया वाहन बढ़े हैं, इससे कई खतरे भी बढ़ गए हैं। कुछ इलाकों की सडक़ें-तिराहे एक्सीडेंट जोन (accident zone) में तब्दील हो चुकी हैं। जरा सी चूक और लापरवाही हादसे में तब्दील हो रही है। जिला प्रशासन और सार्वजनिक निर्माण विभाग कोई समाधान नहीं ढूंढ पाए हैं।
बीते 10-15 साल में अजमेर का बाहरी इलाकों में तेजी से विस्तार हुआ है। आबादी सहित सडक़ों पर वाहनों (vehicles) की तादाद बेतहाशा बढ़ रही है। इससे शहरों की सडक़ें भी यातायात का दबाव झेल रही हैं। ऐलिवेटेड ब्रिज (elevated bridge) निर्माणाधीन है। यह बढ़ते वाहनों-यातायात को नियंत्रित करेगा या नहीं इसका असर भविष्य में दिखेगा। लेकिन शहर के कई इलाके और सडक़ें एक्सीडेंट जोन में जरूर तब्दील हो गई हैं।
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जोन प्रथम: जवाहर रंगमंच-सावित्री तिराहा
जवाहर रंगमंच-सावित्री स्कूल तिराहा एक्सीडेंट जोन बन चुका है। यहां शास्त्री नगर-लोहागल, वैशाली नगर सहित बजरंगगढ़-नेहरू अस्पताल और रोडवेज बस स्टैंड क्षेत्र से ट्रेफिक की आवाजाही होती है। इनमें रोडवेज-निजी बस, कार-जीप, ऑटो-टैंपो और दोपहिया वाहन शामिल है। तिराहे पर किसी भी तरफ मुडऩा आसान नहीं है। यहां कई बार वाहन आमने-सामने टकरा चुके हैं।
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जोन द्वितीय-आनासागर चौपाटी-गौरव पथ
आनासागर चौपाटी-गौरव पथ स्थित मॉल क्षेत्र एक्सीडेंट जोन बन चुका है। बीच में मंदिर होने से सडक़ चौड़ी करना मुश्किल है। यहां आए दिन कई कार-जीप और दोपहिया वाहनों का एक्सीडेंट हो चुका है। यहां सुबह से शाम तक वाहनों का दबाव रहता है। कुछ मामलों में तो लोगों की मृत्यु भी हुई है। बीती रात ही एक बेकाबू कार का डिवाइडर पर चढ़ गई थी।
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जोन तृतीय-पुष्कर रोड तिराहा
रीजनल कॉलेज-पुष्कर रोड तिराहा भी इस श्रेणी में शामिल है। यहां सर्किल और डिवाइडर बनाने के बावजूद सदैव दुर्घटना का खतरा रहता है। खासतौर पर पुष्कर और वैशाली नगर सहित पुरानी विश्राम स्थली से आने-जाने वाले वाहन आमने-सामने होते हैं। तीनों तरफ के वाहनों का एकसाथ पहुंचना इसे एक्सीडेंट जोन बना चुका है। कई बार यहां एक्सीडेंट हो चुके हैं।
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जोन चतुर्थ-नौ नंबर पेट्रोल
आदर्श नगर-नसीराबाद, मार्टिंडल ब्रिज-सेंट-पॉल्स स्कूल और मेयो लिंक रोड से आने वाला ट्रेफिक का दबाव नौ नंबर पेट्रोल पंप तिराहे पर होता है। यहां सदैव एक्सीडेंट का खतरा बना रहा है। खासतौर पर आदर्श नगर से मेयो लिंक रोड की तरफ वाहन मोडऩा आसान नहीं है। यहां भी कई बार एक्सीडेंट हो चुके हैं।
जोन पंचम-ज्योतिबा फुले सर्किल
अजमेर क्लब-ज्योतिबा फुले सर्किल भी इस श्रेणी में शामिल है। सावित्री स्कूल-वैशाली नगर, सिविल लाइंस, कलक्ट्रेट और नेहरू अस्पताल की तरफ से आने वाले वाहन यहां पहुंचते हैं। सर्किल होने के बावजूद वाहन टकराते-टकराते बचते हैं। खासतौर पर अजमेर क्लब की तरफ वाहन मोडऩा खतरे से खाली नहीं है। इसी तरह पटेल मैदान-कलक्ट्रेट, बजरंगढ़ चौराहा, माकड़वाली तिराहा, पंचशील तिराहा, धौलाभाटा मोड़ भी इस जोन में शामिल है।
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शहर में वाहनों की संख्या (सभी श्रेणी के )
वर्ष 2000-01 में पंजीकृत वाहन-2 लाख
वर्ष 2019 तक पंजीकृत वाहन-9.5 लाख
प्रमुख सडक़ों पर प्रतिदिन वाहनों की आवाजाही
मदार गेट स्टेशन रोड: 50 हजार से 1.5 लाख
आनासागर गौरव पथ-वैशाली नगर-55 से 65 हजार
नसीराबाद रोड-आदर्श नगर: 50 से 75 हजार
जयपुर रोड-मेयो लिंक रोड: 45 से 50 हजार
फायसागर रोड-पुष्कर रोड-35 से 40 हजार
उपाय किए पर नाकाफी..
-सावित्री तिराहे-जवाहर रंगमंच पर बेरीकेड लगाए पर फायदा नहीं
-बजरंगगढ़ चौराहे और रोडवेज बस स्टैंड पर बेरीकेड
-पुष्कर रोड, फायसागर चौकी के निकट बेरीकेड
-माकड़वाली तिराहा, सूचना केंद्र, स्वामी कॉम्पलेक्स तिराहा पर बेरीकेड