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#corona : मशीनों की ‘घर्र-घर्र’ में दबने लगा कोरोना का डर

23 मार्च से बंद पड़ी फैक्ट्रियों के खुलने लगे ताले, संख्या फिलहाल कम

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Factories

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हिमांशु धवल
अजमेर. परबतपुरा स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में पसरा सन्नाटा अब टूटने लगा है। लॉकडाउन 3.0 में उद्यमियों ने अब फैक्ट्रियां खोलना शुरू कर दिया है। हालांकि फिलहाल इनकी संख्या कम है, लेकिन मशीनों की आवाज के रफ्ता-रफ्ता कोरोना का खौफ खत्म करने में कारगर होने के कयास लगाए जा रहे हैं। उधर फैक्ट्री मालिकोंं की बड़ी चिंता श्रमिकों की कमी को लेकर है, जिससे निपटने का अभी उनके पास भी कोई एक्शन-प्लान नहीं है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते 22 मार्च को जनता कफ्र्यू के बाद से लागू लॉकडाउन के चलते परबतपुरा स्थित रीको इंडस्ट्रीयल एरिया में लगी इंडस्ट्रीज बंद थी। लेकिन लॉकडाउन के तृतीय चरण में इनके सशर्त संचालन की मिली रियायतों के बाद अब यहां की खामोशी टूटने लगी है। कहीं साफ-सफाई का दौर शुरू हो गया है तो कहीं कार्मिकों की आवाजाही के लिए पास आदि बनाने की तैयारी चल रही है।

फैक्ट फाइल

- 100 से अधिक औद्योगिक इकाइयां
- 5-7 में होने लगा कामकाज

- 10 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं
यह आएगी समस्या

- 33 प्रतिशत श्रमिक सीमा से काम पर असर

- गांवों के श्रमिक होने से आवाजाही में असुविधा

- उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति

- मांग व समय पर भुगतान की अनिश्चितता

- अधिकांश सप्लाई राज्यों के बाहर

- कार्मिकों को वेतन भुगतान का संकट
काम शुरू किया, अब आएगी तेजी

कोरोना संक्रमण के कारण 19-20 मार्च से ही प्रोडक्शन बंद था। वापस शुरू किया जा रहा है। श्रमिकों की आवाजाही के लिए पास बनाए जा रहे हैं। कार्मिकों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। सरकार की ओर उद्योगों के लिए ओर कदम उठाए जाने चाहिएं, जिससे उद्योग गति पकड़ सके।

- यशवंत शर्मा, एमडी भगवती मशीन प्रा.लि.

सरकार को देनी चाहिए रियायत

सरकार को उद्योगों को टैक्स आदि में रियायत देनी चाहिए। काम बंद था, अब उसे फिर से शुरू कर रहे हैं। कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार माल की आपूर्ति अन्य राज्यों में होने से असुविधा हो सकती है। औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन के लिए पूरे कार्मिक होने पर ही सही तरह से उत्पादन शुरू हो सकता है। इसमें अभी समय लगेगा।

- रूपेन्द्र कुमार, एमडी स्वास्तिक इंजीनियरिंग प्रा.लि.