
dgp bhupendra yadav
अजमेर. पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. भूपेंद्र यादव ने कहा है, कि देश-प्रदेश में दुष्कर्म, मादक द्रव्य, अवैध हथियार जैसे अपराध चिंताजनक है। लेकिन अकेले पुलिस के बूते पुलिसिंग (policing) संभव नहीं है। पुलिस एक नोडल एजेंसी है। आमजन के सहयोग से ही अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण लग सकता है। डॉ. यादव ने बुधवार को पत्रकारों से यह बात कही।
पुलिस अन्वेषण भवन में अधिकारियों की बैठक के बाद डॉ. यादव ने कहा कि टोंक अथवा हैदराबाद दुष्कर्म मामले चिंताजक है। महिलाओं-बालिकाओं की सुरक्षा (womens security) पुलिस के लिए सर्वोपरी है। स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालयों के आसपास महिला पुलिसकर्मियों (police cops) की गश्त बढ़ाई गई है। हैल्पलाइन व्यवस्था को दुरुस्त किया गया है। तत्काल रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षकों को अधिकृत किया गया है।
पुलिस अकेले नहीं कर सकती पुलिसिंग
बढ़ते अपराध की रोकथाम के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि पुलिस सामाजिक सुरक्षा (social security) से जुड़ी एक नोडल एजेंसी है। अकेले पुलिस अपने बूते पुलिसिंग नहीं कर सकती है। पुलिस को महिलाएं, पुरुष, नौजवान, बुजुर्ग, किशोर सहित सबका सहयोग चाहिए। सामुदायिक सहयोग मिलने पर पुलिस अपराधों (crime control) पर पूर्ण नियंत्रण में सक्षम हो सकती है।
सुरक्षा 2020 की पहली प्राथमिकता
डॉ. यादव ने कहा कि आमजन की सुरक्षा पुलिस की साल 2020 की पहली प्राथमिकता है। मादक द्रव्यों पर अंकुश, किशोरों को नशे से दूर रखना, महिला-बालिका सुरक्षा और सडक़ सुरक्षाओं (road security) को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सामुदायिक सहयोग (cummunity) के लिए पुलिस लोगों के बीच जा रही है। बच्चों के परिजनों, समाज के अनुभवी और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से पुलिस अधिकारी मिलेंगे और अपराध नियंत्रण पर चर्चा करेंगे।
स्वस्थ और खुश रहे पुलिसकर्मी
डॉ. यादव ने कहा कि पुलिसकर्मी स्वस्थ (healthy) और खुश (happy) रहे इसके प्रयास जारी हैं। तनाव रहित पुलिसकर्मी ही ढंग से ड्यूटी कर सकते हैं। पुलिसकर्मियों का सामाजिक मेल-जोल कैसे बढ़े इसके प्रयास जारी हैं। उनकी स्वास्थ्य जांच और कल्याण कार्यक्रम भी जल्द शुरू किए जाएंगे।
अजमेर से है गहरा नाता..
डीजीपी डॉ. यादव का अजमेर से गहरा नाता है। उन्होंने सेंट पॉल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल से 1975-76 में ग्यारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद अजमेर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से उन्हें एमबीबीएस की उपाधि प्राप्त की। भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन 1987-88 में हुआ था। वे सरदार पटेल पुलिस यूनिवर्सिटी जोधपुर के कुलपति भी रहे हैं। इसके अलावा पुलिस महकमे में कई अहम पदों पर कामकाज कर चुके हैं।
Published on:
04 Dec 2019 06:10 pm
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