लॉकडाउन-3 में शुरू हुई शराब की बिक्री भी हादसों को बढ़ाने का कारण रही। राजमार्गों पर वाहनों की संख्या बढ़ते ही बेताहशा दौड़ते वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए। महज 28 दिन में जिलेभर में 60 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो गई। जिनमें लगभग इतनी ही मौत हुई।
1.0 21 दिन (25 मार्च से 14 अप्रेल) शराब, व्यसन उत्पाद की बिक्री बंद 2.0 18 दिन (15 अप्रेल से 03 मई) शराब, व्यसन उत्पाद की बिक्री बंद
3.0 14 दिन (04 मई से 17 मई) तम्बाकू उत्पाद बंद
-लॉकडाउन के अलावा तेज गर्मी में डिप्रेशन का मिलाजुला असर
-लॉकडाउन से बढ़ी भविष्य को लेकर हताशा -घरेलू विवाद बढऩे से निराशा अवसाद से ऐसे बचें -परिवार के साथ करें समस्याओं पर खुली चर्चा
-जिंदगी में रखें सकारात्मक सोच
-रात में पूरी नींद लें -परेशानी होने पर मनोचिकित्सक से करें परामर्श इनका कहना है अप्रेल-मई में मौसम बदलाव के साथ मनुष्य की मनोस्थिति में बदलाव आता है। दिमाग में डोपामिन रसायन बनता है। जिससे उदासीनता, कुंठा और चिड़चिड़ेपन के भाव आते हैं। सकारत्मक सोच रखनी चाहिए। मन में कभी निराशा का भाव न रखें।
डॉ. महेन्द्र जैन, विभागाध्यक्ष, मनोरोग विभाग जेएलएनएच