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राजस्थान के इस शहर में दो दिन में मिल रहा पीने का पानी

जलापूर्ति : मानसून में बीसलपुर लबालब होने के बाद भी हालात वही कभी ट्रिपिंग तो कभी पम्प खराब होने से बिगड़ रही स्थिति

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राजस्थान के इस शहर में दो दिन में मिल रहा पीने का पानी

राजस्थान के इस शहर में दो दिन में मिल रहा पीने का पानी

अजमेर.

देश-दुनिया में विख्यात धार्मिक नगरी अजमेर के बाशिंदे सर्दियों में भी पेयजल संकट भुगतने को मजबूर हैं। इसके के कई मोहल्लों में लोग पीने के लिए दूरदराज भटकने को कई जगह महंगे दामों पर पानी के टेंकर मंगवाने को मजबूर हैं।

मानसून की मेहरबानी से इस बार अजमेर, जयपुर, टोंक जिले की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध का जलस्तर 315.50 आरएल मीटर तक पहुंचा।

वहीं दूसरी ओर जलदाय विभाग बीते तीन महीने में सामान्य जलापूर्ति का दावा कर रहा है, लेकिन हालात बिल्कुल उलट हैं।

लोगों को 48 घंटे में भी पानी नसीब नहीं हो रहा। कभी बिजली की ट्रिपिंग, कभी पम्प खराब होने अथवा लाइन में लीकेज जैसी तकनीकी समस्याएं लोगों को परेशान कर रही हैं।

इस साल 26 जुलाई से 19 अगस्त तक हुई झमाझम बरसात से बीसलपुर बांध का गेज 315.50 आरएल मीटर से भी ज्यादा हो गया।

इसके बाद सितम्बर के पहले पखवाड़े तक हुई बरसात तक बांध के गेट खुले रहे। जितना पानी बांध में आया उससे ज्यादा की निकासी हो गई।

जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला के निर्देश पर अगस्त अंत से शहर को 48 घंटे में जलापूर्ति शुरू की गई, लेकिन बीते ढाई महीने में भी जलापूर्ति व्यवस्था पटरी पर नहीं आई है।

लगातार बढ़ रही तकनीकी समस्याएं

26 अक्टूबर को सुभाष उद्यान स्थित जलदाय विभाग के वाटर स्टोरेज टैंक पर ट्रांसफार्मर जल गया। इससे पुष्कर रोड, फॉयसागर रोड और अन्य क्षेत्र में जलापूर्ति नहीं हो पाई।

31 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक गोयला के निकट 1500 एमएम की पाइप लाइन में हुए ब्रेकडाउन के कारण शहर की जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित रही थी।

थड़ौली में ट्रिपिंग के कारण 20 से 22 नवम्बर तक शहर की जलापूर्ति प्रभावित

कब मिलेगा 24 घंटे में पानी

कांग्रेस की पिछली और मौजूदा और भाजपा की पिछली सरकार ने अजमेर को 24 घंटे में जलापूर्ति की कई बार घोषणाएं की। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जलदाय विभाग को अजमेर को नियमित जलापूर्ति के निर्देश भी दिए, लेकिन विभाग ने शहर के लिए अतिरिक्त वाटर स्टोरेज टैंक, नई पाइप लाइन के लिए 1 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्चा बता दिया। तबसे यह मामला अधर में है। कभी लाइन फूटने, लाइन की सफाई और ट्रिपिंग होने पर यह संकट फिर बढ़ जाता है।

थड़ौली में ट्रिपिंग के चलते ही हमारे चारों पम्प बंद हो जाते हैं। एसआर-7 और अन्य स्टोरेज टैंक में पर्याप्त पानी नहीं मिलता। जलदाय मंत्रालय और उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। तकनीकी समस्याओं के समाधान के बाद नियमित जलापूर्ति में कोई दिक्कत नहीं होगी

पी. एल. वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जलदाय विभाग


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