
बीस हजार की रिश्वत लेते पकड़ी गई जन शिक्षण संस्थान की निदेशक श्वेता आनन्द( गोले में)। फाइल
मनीष कुमार सिंह
अजमेर. जनशिक्षण संस्थान की निदेशक श्वेता आनन्द के रिश्वत लेने के मामले में संस्थान के चेयरमैन डॉ. अनंत भटनागर भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के रडार पर है। एसीबी को ना केवल परिवादी की शिकायत में बल्कि सत्यापन की कार्रवाई में निदेशक श्वेता आनन्द ने चेयरमैन का जिक्र किया है, हालांकि एसीबी ने संस्थान के अध्यक्ष डॉ. भटनागर की लिप्तता को फिलहाल अनुसंधान में रखा है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर द्वारा परिवादी शैलेन्द्र कुमार की शिकायत पर ट्रेप की कार्रवाई के बाद दर्ज हुई एफआईआर में कई चौंकाने वाले तथ्य हैं। संस्थान की निदेशक श्वेता आनन्द संस्थान चेयरमैन डॉ. भटनागर के लिए भी रिश्वत ले रही थी। परिवादी ने शिकायत में बताया कि 2021 में उसे कार्यक्रम अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार देते हुए वेतन 26 हजार कर दिया गया। बढ़े हुए वेतन के बदले संस्थान की निदेशक श्वेता आनन्द ने स्वयं व चेयरमैन डाॅ. भटनागर के लिए प्रतिमाह 4 हजार रुपए के हिसाब से 12 महीने के 48 हजार रुपए की रिश्वत मांग रही थी। कार्यालय के अन्य कर्मचारियों व कार्यक्रम चलाने वाले अनुदेशकों से भी रिश्वत की मांग करती रही हैं। मजबूरीवश उन्हें रिश्वत देने की हामी भरनी पड़ती है।
परिवादी शैलेन्द्र ने शिकायत में बताया कि 29 अप्रेल को ऑफिस में संस्थान की बैठक हुई। उसने निदेशक श्वेता आनन्द की ओर से 48 हजार रुपए की रिश्वत मांगे जाने पर चेयरमैन डॉ. भटनागर के सामने श्वेता आनन्द से मिन्नतें की। इस पर 40 हजार रुपए लेने पर राजी हो गए, लेकिन उन्होंने 20 हजार रुपए एक-दो दिन में ही मांगे। रिश्वत नहीं देने पर निदेशक श्वेता आनन्द परिवादी को कई तरह से परेशान करने लगीं। एसीबी ने प्रकरण में संस्थान के चेयरमैन भटनागर की भूमिका के विस्तृत अनुसंधान की बात कही है।
परिवादी ने बताया कि 3 मई को सत्यापन की कार्रवाई में जब श्वेता आनन्द से बात हुई तब उसने कहा था कि एक्स्ट्रा काम करते हैं तो सैलेरी बढ़ी। उसने 40 हजार रुपए का कमीशन और कम करने के लिए कहा तो निदेशक श्वेता आनन्द ने कहा कि वह पहले 20 हजार रुपए देगा तो वह ‘सर’ (चेयरमैन डॉ. अनन्त भटनागर) से बात करेगी।
एसीबी ने जब निदेशक श्वेता आनन्द पर ट्रेप का जाल बिछाया तो रिश्वत राशि थामने के साथ उनको संदेह हो गया था। श्वेता ने अकाउंटेंट रजत को बुलाकर 20 हजार की रिश्वत की राशि उसे थमा दी। एसीबी के दाखिल होते ही अकाउंटेंट रजत कन्नौजिया रकम टेबल पर छोड़ गया।
रजत ने बताया कि उसे मैडम ने कक्ष में बुलाकर 20 हजार रुपए देते हुए रसीद काटने के लिए कहा। मैडम ने चेक बनवाकर रसीद काटने की कही तो उसने मनाकर दिया। वह नकदी को टेबल पर रख चला गया। एसीबी ने अकाउंटेंट रजत को मामले में क्लीन चिट दे दी। खास बात यह है कि रजत ने 1 अप्रेल को संस्थान से इस्तीफा दे दिया। उसे संस्थान ने 10 मई को कार्य मुक्त करने की तिथि दे रखी थी।
एसीबी ने 6 मई को पंचशील ए ब्लॉक स्थित जनशिक्षण संस्थान कार्यालय में निदेशक श्वेता आनन्द को शांतिपुरा राजीव कॉलोनी निवासी संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी शैलन्द्र कुमार कश्यप से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
एसीबी ने सत्यापन के बाद जनशिक्षण संस्थान की निदेशक को रंगे हाथ पकड़ा था। संस्थान के चेयरमैन की लिप्तता की भी जांच की जा रही है। चेयरमैन की निदेशक से कितनी साठ-गांठ थी। अनुसंधान में स्पष्ट होगा। सत्यापन की कार्रवाई की ट्रांसस्क्रीप्ट तैयार की जा रही है। एफआईआर के तथ्यों का अनुसंधान अधिकारी जांच कर रहे हैं।
- भागचन्द मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीबी, अजमेर इकाई
Updated on:
16 May 2024 03:21 am
Published on:
16 May 2024 03:20 am
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