झरना हुआ खामोश,फ्लोटिंग फाउंटेन झील के बाहर पटके
न हैंड ओवर हुआ और न टेकओवर
दान में मिला फाउंटेन भी हटाया
नगर निगम का जुगाड़ भी हुआ फेल
आनासागर झील में हो रही है ऑक्सीजन की कमी

अजमेर.शहर की सुंदरता को चार चांद लगाने वाली एतिहासिक आनासागर aanasagar lake झील का गला खुद सरकार मशीनरी ही घोटने पर उतारू है। राष्टीय झील संरक्षण योजना (एनएलसीपी) के तहत झील के पानी में शुद्धीकरण व ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए कंट्रोल एअरेशन के अन्तर्गत झील में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए झील में 77 लाख रुपए खर्च एरिएशन प्लांट लगाया गया था। 14 फ्लोटिंग फाउंटने floating fountain भी लगाए गए थे। इसके अलावा दानदाता के सहयोग से 30 फीट ऊंचा जेट फाउंटेन भी लगाया गया था लेकिन यह दोनों ही पिछले कई महीनों से बंद पड़े हैं। फाउंटेन तो झील से बाहर निकाल कर चौपाटी के किनारे ही पटक दिए गए हैं। पिछले साल चौपाटी पर लगाए फ्लोटिंग ब्रिज केदोनो तरफ सजावटी लाइटें व फाउंटने लगाए गए थे लेकिन लाइट व फाउंटन दोनो ही बंद पड़े हैं। झील के पानी में ऑक्सीजन का लेवर 135 बीओक्यू है। यह खतरनाक स्थिति है। यह पानी मछलियों के खतरनाक है। कई बार मछलियों के मामले सामने आ चुके हैं।
झरने के नाम पर लाखों रुपए डाले पानी में
आनासागर के किनारे चौपाटी निर्माण के दौरान आरएसआरडीसी ने सर्किट हाउस के नीचे झरना स्थापित किया था। इसके लिए लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन पिछले कई महीनों से यह झरना बंद पड़ा है। इससे न तो झील में ऑक्सीजन पहुंच रही है और न शहरवाही ही इसका आनंद ले पा रहे हैं। पूर्व में इसे सेल्फी प्वाइंट के नाम पर प्रचारित किया गया था।
फेल हो गया निगम का जुगाड़
झील के पानी में ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए कुछ दिन पूर्व नगर निगम ने भी जुगाड़ कर फाउंटेन लगाए थे। फाउंटेन के सहारे ही रंगबिरंगी लाइटें भी लगाई गई थी। रंगबिरंगी लाइटों के बीच फाउंटन चलने से अलग ही नजारा नजर आता है साथ ही झील के पानी में भी ऑक्सीजन पहुंची थी,लेकिन कई महीनों से निगम का यह जुगाड़ भी फेल हो गया है।
दान की कद्र नहीं,हटा दिया जेट फाउंटेन
जिले की एक सीमेंट कम्पनी ने झील के लिए 30 फीट ऊ ंचा जेट फाउंटन दान दिया था। इसमें लगी 30 एचपी मोटर पानी को ऊंचाई पर फेंकती थी। यह फाउंटेन कुछ दिन चला लेकिन बाद में यह जेट फाउंटेन ही हटा दिया गया।
एरिएशन प्लांट,फ्लोङ्क्षटग फाउंटन चलाए कौन
झील में पानी की शुद्धता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एरिएशन प्लांट चौपाटी परिसर में स्थापित किया गया था। एडीए इसका संचालन कर रहा था लेकिन इसका ठेका पिछले साल समाप्त हो गया। एरिएशन प्लांट का संचालन व रखरखाव नगर निगम को करना है लेकिन एडीए द्वारा कई पत्र लिखने के बावजूद निगम इसके संचालन को तैयार नहीं है। एडीए ने झील में चौपाटी के किनारे 14 फ्लोटिंग फाउेंटन लगाए थे, इसका भी ठेका एक वर्ष पूर्व समाप्त हो चुका। इन फाउंटेन को टेकओवर करने के लिए एडीए नगर निगम को कई बार पत्र लिखा चुका है लेकिन नगर निगम लेने को तैयार नहीं है।
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