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Good News: इंजीनियरिंग कॉलेज की पांच ब्रांच को मिलेगी नई पहचान

संस्थानों को नियमानुसार नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन से सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।

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रक्तिम तिवारी/अजमेर. इंजीनियरिंग कॉलेज (engineering college) बड़लिया की विभिन्न ब्रांच को जल्द पहचाान मिलेगी। कॉलेज प्रशासन जनवरी में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन (नैब) की टीम बुलाएगा। पहले चरण में पांच ब्रांच का निरीक्षण कराकर सर्टिफिकेट (certificate) लिया जाएगा। इसके बाद दो ब्रांच के लिए फिर से टीम बुलाई जाएगी।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तकनीकी विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए नैब (नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन) का मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया है। संस्थानों को नियमानुसार नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन (national board of accreditation) से सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।

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इन ब्रांच के लिए किया आवेदन

कॉलेज में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल, इलेक्ट्रॉनिक्स एन्ड कम्यूनिकेशन, कम्प्यूटर साइंस एवं आईटी, मैकेनिकल, ईआईसी, सिविल और अन्य ब्रांच संचालित हैं। नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन के तयशुदा नियमों के तहत सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया है।

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यूं होता है नैब टीम का निरीक्षण
-प्रयोगशाला में हाईटेक उपकरण, संसाधनों का इस्तेमाल

-कक्षाओं में ई-लर्निंग, प्रोजेक्टर और नई तकनीक से पढ़ाई
-सेमेस्टर परीक्षाओं की कॉपियों की मूल्यांकन पद्धति

-विभाग/ब्रांच में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या
-ब्रांच की वित्तीय स्थिति, तकनीकी क्षेत्र में प्लेसमेंट

-ब्रांच में शोध और प्रोजेक्ट की स्थिति

कॉलेज को मिले हैं नए प्रोजेक्ट
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की राष्ट्रीय परियोजना कार्यन्वयन इकाई के तहत कॉलेज को अहम 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट (new projects) मिले हैं। इनमें नैनो टेक्नोलॉजी के तहत नैनो ऑप्टिकल एंटीना, मुंह के कैंसर के डिटेक्शनन, डवेपलमेंट ऑफ पैच एंटीना, एफिशियंट सोलर पीवी बेस्ड हाइब्रिड मल्टी आउटपुट कनवर्टर, बायो सिग्नल डिटेक्शन, एडेप्टिव बायो इम्पीडेंस बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम फॉर मेडिकल-इंडस्ट्रियल एप्लीकेशन, डिटेक्शन ऑफ हैवी मेटल्स इन वाटर बाई नैनो सेंसर इलेक्ट्रोड्स, परफॉरमेंस एन्हांसमेंट ऑफ फ्लैट प्लेट सोलर और अन्य शामिल हैं।

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ब्रांच में प्रोफेसर की जरूरत

वर्ष 1996-97 के बाद खुले प्रदेश के अधिकांश इंजीयनियरिंग कॉलेजों में किसी ब्रांच में प्रोफेसर (professor) नहीं है। सभी कॉलेज रीडर और लेक्चरर के भरोसे कॉलेज संचालित हैं। नियमानुसार कॉलेजों में पीजी पाठ्यक्रमों के लिए संबंधित ब्रांच में प्रोफेसर और ग्रेडिंग आवश्यक है। बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज ने परिषद से नियमों में शिथिलता देने का आग्रह भी किया था।


नैब से कॉलेज का एक्रिडिटेशन कराना है। पांच ब्रांच का नैब टीम जनवरी में निरीक्षण करेगी। दो ब्रांच का निरीक्षण द्वितीय चरण में होगा।

डॉ. उमा शंकर मोदानी कार्यवाहक प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज