मार्कशीट चाहिए तो घर बैठें खोलें डिजिटल लॉकर, मिलेंगे शिक्षा बोर्ड के सभी दस्तावेज
इस साल 26 जुलाई 19 अगस्त तक हुई झमाझम बरसात (heavy rain in ajmer) से बीसलपुर बांध का गेज 315.50 आरएल मीटर से भी ज्यादा हो गया था। इसके बाद सितंबर के पहले पखवाड़े तक हुई बरसात तक बांध के गेट खुले रहे। जितना पानी बांध में आया उससे ज्यादा की निकासी हो गई। जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला के निर्देश पर अगस्त अंत से शहर को 48 घंटे (water in 48 hours) में जलापूर्ति शुरू की गई। लेकिन बीते ढाई महीने में भी जलापूर्ति व्यवस्था पटरी पर नहीं आई है।Ajmer Nagar Nigam : नगर निगम आयुक्त व पार्षदों के विवाद का वीडियो वायरल
लगातार बढ़ रही तकनीकी समस्याएं-26 अक्टूबर को सुभाष उद्यान स्थित जलदाय विभाग के वाटर स्टोरेज टैंक पर ट्रांसफार्मर जल गया। इससे पुष्कर रोड-फायसागर रोड और अन्य क्षेत्र में जलापूर्ति नहीं हो पाई। -31 अक्टूबर से 5 नवंबर तक गोयला के निकट 1500 एमएम की पाइप लाइन में हुए ब्रेकडाउन के कारण शहर की जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित रही थी।
-थड़ौली में ट्रिपिंग के कारण 20 से 22 नवंबर तक शहर की जलापूर्ति प्रभावित
City garden: 24 घंटे चाहिए ऑक्सीजन तो लगाएं पेड़-पौधे
कब मिलेगा 24 घंटे में पानी कांग्रेस की पिछली और मौजूदा और भाजपा की पिछली सरकार ने अजमेर को 24 घंटे (24X 7 water supply)में जलापूर्ति की कई बार घोषणाएं की। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (vasundhra raje) ने जलदाय विभाग को अजमेर को नियमित जलापूर्ति के निर्देश भी दिए गए। लेकिन विभाग ने शहर के लिए अतिरिक्त वाटर स्टोरेज टैंक (water storage), नई पाइप लाइन के लिए 1 हजार करोड़ से ज्यादा का खर्चा बता दिया। तबसे यह मामला अधर में है। कभी लाइफ फूटने, लाइन की सफाई और ट्रिपिंग होने पर यह संकट फिर बढ़ जाता है।पी. एल. वर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जलदाय विभाग