जब जरूरत हों तब निकाल सकेंगे प्रतिलिपि डिजीटल लॉकर की सुविधा मिलने के बाद विद्यार्थी जब चाहे अपने दस्तावेज की प्रतिलिपि खुद ही निकाल सकेंगे। इसके लिए उन्हें शिक्षा बोर्ड में आवेदन करने अथवा वहां जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बोर्ड दस्तावेज हमेशा के लिए उनके लॉकर में सुरक्षित रहेंगे। यह डिजीटल लॉकर उनके आधार कार्ड से लिंक होगा। इसके लिए उन्हें बाकायदा अलग से आईडी भी मिलेगी। कोई भी विद्यार्थी अथवा व्यक्ति किसी अन्य का डिजीटल लॉकर नहीं खोल पाएगा।
पहले चरण में साल 2018 और 2019 के विद्यार्थियों को सुविधा
फिर भी जरूरत मूल दस्तावेजों की दरअसल, शिक्षा बोर्ड की यह सुविधा विद्यार्थियों को तत्काल जरूरत के हिसाब से मुहैय्या कराई जा रही है। डिजीटल लॉकर में दस्तावेज तो मूल स्वरूप में होंगे, लेकिन उनकी कॉपी एक तरह से स्केन प्रतिलिपि की तरह होगी। नौकरी के लिए दस्तावेज सत्यापन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य औपचारिकताओं में इस तरह की प्रतिलिपि मान्य नहीं होती।
इनका कहना है शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए बोर्ड दस्तावेज उनके डिजीटल लॉकर में डालने की प्रक्रिया चल रही है। यह लॉकर विद्यार्थियों को खुद बनाना होगा। पहले चरण में साल 2018 और 2019 में परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को यह सुविधा जल्द ही मिल जाएगी।
मेघना चौधरी, सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान,अजमेर