scriptअजमेर दरगाह झंकृत हुई शिवमणि के ड्रम की झंकारों से | Ajmer Dargah was shaken by the sound of Sivamani's drum | Patrika News

अजमेर दरगाह झंकृत हुई शिवमणि के ड्रम की झंकारों से

locationअजमेरPublished: Nov 21, 2019 12:34:31 am

ajmer dargah news : प्रख्यात ड्रम मास्टर शिवमणि ने बुधवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हाजिरी दी। दरगाह में उनके वाद्ययंत्रों की गूंज ने हर किसी को झूमने पर मजबूर कर दिया। शिवमणि कुछ वाद्य यंत्रों और बेटे के साथ रात दरगाह पहुंचे।

अजमेर दरगाह झंकृत हुई शिवमणि के ड्रम की झंकारों से

अजमेर दरगाह झंकृत हुई शिवमणि के ड्रम की झंकारों से

अजमेर. प्रख्यात ड्रम मास्टर शिवमणि ने बुधवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह (ajmer dargah) में हाजिरी दी। दरगाह में उनके वाद्ययंत्रों की गूंज ने हर किसी को झूमने पर मजबूर कर दिया। शिवमणि कुछ वाद्य यंत्रों और बेटे के साथ रात दरगाह पहुंचे। उन्हें जियारत (ziyarat) सैयद फरहान हुसैन चिश्ती ने करावाई। इसके बाद शिवमणि टीम के साथ पांयती दरवाजे के सामने बैठ गए और कव्वालों की ओर से पेश की गई कव्वाली पर ढपली को ड्रम स्टाइल में बजाया तो उसकी झंकार से दरगाह परिसर झंकृत हो उठा।
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इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में शिवमणि ने कहा कि गरीब नवाज के दरबार में आकर और वाद्य यंत्र बजाकर सुकून मिलता है। उन्होंने कहा कि संगीतकार ए.आर.रहमान मेरे छोटे भाई की तरह हैं और हमने साथ में काफी काम किया है। गौरतलब है कि शिवमणि जब भी दरगाह आते हैं अपने वाद्य यंत्र साथ लाते हैं। फरहान चिश्ती ने बताया कि शिवमणि ए.आर.रहमान के साथ भी दरगाह आ चुके हैं।
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न्यायपालिका की जीत

अजमेर. पूरे विश्व में आस्था का केन्द्र सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दीवान सैयद जेनुअल आबेदीन अली ने कहा कि अयोध्या के बरसों पुराने विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देश के सभी लोगों को स्वीकार करना चाहिए। यह किसी पक्ष की जीत अथवा किसी पक्ष की हार नहीं बल्कि पूरी तरह से न्याय पालिका की जीत है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने विवेक से जो फैसला किया है, वह सर्वमान्य है।
दरगाह दीवान ने कहा कि इस एेतिहासिक फैसले के बाद अब यह विवाद पूरी तरह खत्म हो चुका है। अब समय आ गया है कि देश की तरक्की और नई पीढ़ी की बेहतरी के लिए सभी मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि यह देश की १३३ करोड़ जनता के लिए एेतिहासिक दिन है।

अमन बनाए रखनें में करें मदद
सैयद आबेदीन अली ने कहा कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब का जन्मदिन का मौका है। वे महज सभी धर्म के लोगों को मुहब्बत, भाईचारा और एकता का संदेश देने के लिए तशरीफ लाए थे। ख्वाजा गरीब नवाज ने भी लोगों को यही पैगाम दिया। देश के सभी सम्प्रदाय के लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करें। किसी की धार्मिक आस्था को ठेस नहीं पहुंचे इसके लिए सब मिलकर पूरे विश्व में मिसाल पेश करें।
उन्होंने कहा कि देश की सभी दरगाहों के सज्जादानशीन को उन्होंने पूर्व में ही अपील जारी कर दी थी कि अपने-अपने क्षेत्र में अमन चैन बनाए रखने में मदद करें और माहौल बिगडऩे नहीं दें।
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