
इंडियन आर्मी
अजमेर. सेना में भर्ती होकर देश सेवा का युवकों में जज्बा काफी बढ़ गया है। बीते एक दशक से राष्ट्र प्रेम की भावनाएं चरम पर है। आतंकवाद व नक्सलवाद से देश पीडि़त है। इसका मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना (indian army) जिस तरह से सफल हो रही है। उसके पीछे देश के युवकों में सेना (army) में शामिल होकर देश सेवा की भावनाएं हैं। अजमेर जिले (ajmer distick) के मसूदा, ब्यावर, केकड़ी, रूपनगढ़, अरांई, श्रीनगर, भिनाय, पीसांगन, नसीराबाद सहित अन्य क्षेत्र से सैंकड़ों युवक सेना में तैनात हैं। पहले कई अभिभावक अपनी संतान को सेना में भेजने से कतराते थे,लेकिन अब आगे होकर देश सेवा के लिए भेजने को तत्पर (active) हैं।
सेना (army) में शामिल होना बेहतर विकल्प
रूपनगढ़ इलाके में पिछले माह शहीद हेमराज के गांव से हाल ही में सेना भर्ती (army admit) में करीब छह युवकों का चयन हुआ है। वैसे हर कोई युवक ग्रेजुएट होकर चिकित्सक, इंजीनियर व कोई प्रशासनिक सेवा का सपना मन में रखता है, लेकिन कई युवक इसमें कामयाब नहीं हो पाते। ऐसे में सेना में भर्ती (army admit) होकर देश सेवा करना उनके लिए बेहतर विकल्प है। मन में सेना में शामिल होकर मातृभूमि की रक्षा में जान न्योछावर करना मायने रखता है।
भर्ती के लिए कड़ी मेहनत
सेना में भर्ती (army admit) होने के लिए युवक खासा पसीना बहा रहे हैं। तडक़े उठकर दौड़ लगाना, शारीरिक दक्षता के लिए खुराक पर विशष ध्यान देना, चिकित्सकीय जांच में सौ फीसदी सही पाना तथा अन्य को लेकर युवक कोई कमी नहीं छोड़ रहे। हाल ही में रूपनगढ़ क्षेत्र के थल, रघुनाथपुरा, भदूण व त्योद सहित कई गांवों के युवाओं का भारती सेेना (indian army) में चयन हुआ है।
इनमें शहीद हेमराज के गांव भदूण से सर्वेश्वर जाजड़ा, गोपीराम मांडिया, बनवारी कलवाणिया, दिनेश खुरडिय़ा, सुखाराम बोचल्या, रमेश बोचल्या, रमेश खिलेरी शामिल है। इसी प्रकार रघुनाथपुरा से रामस्वरूप खर्रा, रामलाल धायल, नानूराम ठोलिया, ओमप्रकाश जाट, मांगीलाल रिणवा, त्योद गांव से हरिराम रियाड़़, रणजीत गुर्जर, किशन डूक्या, किशन वैष्णव, सुखाराम डूक्या शामिल है। थल गांव से नौरत घंसवा, जगदीश घसवा, रामावतार घंसवा,नन्दाराम बाज्या, रामस्वरूप गुर्जर, हरदयाल जाजड़ा सहित कई युवकों का हाल ही में सेना में चयन हुआ है।
सेवानिवृत्त फौजियों की भरमार
अजमेर जिले (ajmer distic) में नसीराबाद छावनी भी युवकों में सकारात्मक संदेश दे रही है। जिले के कई गांवों में करीब नौ हजार से भी अधिक सेवानिवृत्त फौजी है। इनमें कायमपुरा और सोमलपुर मुस्लिम बाहुल्य गांव के कई फौजी तो चीन और पाकिस्तान से हुए युद्ध में लड़ चुके हैं। इनके परिवार से कई युवक आज भी सेना में शामिल है। खासकर यादव, गुर्जर, राजपूत, जाट और रावत समाज के सब से अधिक युवक भारतीय सेना में कार्यरत हैं।
Published on:
16 Nov 2019 07:17 pm
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