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इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक को एक साल में ही हुआ 165 करोड़ का घाटा

कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च हो गए 191 करोड़लक्ष्य के अनुसार नहीं खुल रहे खातेडाक विभाग

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इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक को एक साल में ही हुआ 165 करोड़ का घाटा

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भूपेन्द्र सिंह . अजमेर

आम आदमी को मोहल्ले व गांवों में बैंकिग सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए डाक विभाग की ओर से खोले गए इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) India Post Payment Bank को पहले ही साल में 165 करोड़ रुपए का घाटा lost 165 crores हुआ है। सरकार राष्ट्रीय बैंकों के एनपीए घाटे की ओर से तो ध्यान दे रही है लेकिन इसी सरकार के कार्यकाल में शुरु हुए इस बैंक के प्रथम वर्ष में करोड़ों का घाटा हो गया। वहीं बैंक ने अब तक अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर ही 191 करोड़ रुपए व्यय किए हैं। प्रधानमंत्री ने बैंक का शुभारंभ 1 सितम्बर 2018 को किया था। शुभारंभ कार्यक्रम पर ही 10.1 करोड़ रुपए खर्च किए गए। आईपीपीबी के लिए विभाग ने अलग से कर्मचारियों अधिकारियों की भर्ती की है। वहीं डाक विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों 33 प्रतिशत अधिक तनख्वाह देते हुए प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है इनके वेतन भत्ते विभाग को भारी पड़ रहे हैं।
देशभर में शाखा डाकघरों सहित कुल 1 लाख 55 हजार डाकघर है। देशभर में आईपीपीबी की 650 शाखाएं है। इनमें से 33 शाखाएं राजस्थान में खोली गई हैं। डाक विभाग राजस्थान दक्षिणी क्षेत्र में आईपीपीबी की 13 शाखाएं हैं। इसके अलावा सभी प्रमुख डाकघरों आईपीपीबी का अलग से काउंटर खोला गया है।
जनता का रुझान नहीं
आईपीपीबी के घाटे की मुख्य वजह लक्ष्य के अनुरूप खाते नहीं खुलने तथा इसकी लिमिट एक लाख रुपए ही होना माना जा रहा है। इससे जनता का रुझान कम है। डाक विभाग अपने ग्रामीण डाक सेवकों व पोस्टमैन के माध्यम से जनता को घर बैठे ही खाता खुलवाने,नकद राशि जमा व निकासी कराने की सुविधाएं प्रदान करने का दावा कर रहा है लेकिन कई जगहों पर ग्रामीण डाक सेवकों के पास मोबाइल फोन नहीं हो तो कहीं पर इंटरनेट की समस्या है। अधिकतर डाकघर ग्रामीण परिवेश में है।
डाक कर्मचारियों केखाते भी खुलवाए
आईपीपीबी में खातों की संख्या बढ़ाने के लिए डाक एंव संचार मंत्रालय ने सीपीएमजी व पीएमजी को निर्देश दिए हैं कि विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट आपीपीबी में ही खाले जाएं। इसके बाद डाक विभाग ने सभी कर्मचारियों सेलरी अकाउंट आईपीपीबी में खोलें हैं।
खोलने थे 13 लाख खाते अब तक खुले 3 लाख खाते
राजस्थान में आईपीपीबी के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 24 लाख खाते खोले जाने हैं। इनमें से नवम्बर तक 13 लाख 7 हजार खाते खुलने थे जबकि अब तक केवल 3 लाख 30 हजार खाते ही खोले गए। इनमें 1.20 लाख खाते राजस्थान दक्षिण क्षेत्र अजमेर में खोले गए।

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