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चंद सिक्कों के लिए चूस रहे धरती का ‘जलधन’

25 हजार वाहन राष्ट्रीय राजमार्ग 8 से गुजरते हैं प्रतिदिन 50 से अधिक निजी गैराज हाइवे पर संचालित 200 रुपए में कार की धुलाई 500 रुपए में भारी वाहनों की धुलाई जल संरक्षण के संदेश पर निजी गैराज संचालक फेर रहे पानी : राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहन धुलाई के नाम पर पानी की भारी बर्बादी, रात-दिन मोटरें चलाकर अंधाधुंध जल दोहन

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चंद सिक्कों के लिए चूस रहे धरती का ‘जलधन’

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर खरवा के नजदीक एक वाहन सर्विस सेंटर पर चकरी से व्यर्थ बहता पानी।

बलजीत सिंह. ब्यावर.
एक तरफ सरकार पानी बचाओ का नारा देकर लोगों को जल संरक्षण का संदेश दे रही है वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय राजमार्ग 8 पर मांगलियावास व खरवा से लेकर ब्यावर तक सडक़ किनारे फुटपाथों पर ढाबों के आसपास वाहनों की मरम्मत के नाम पर जगह-जगह कुकुरमुत्तों की तरह खुले निजी गैराज बोरिंग खुदवाकर ‘अमृत’ की बर्बादी कर रहे हैं। इन गैराज पर मरम्मत व धुलाई-सफाई आदि करवाने ट्रक-ट्रेलर आदि वाहन पड़ाव डाले रहते हैं। गैराज संचालकों ने ट्यूबवैल का पानी प्रेशर से पानी खींचने के लिए बाकायदा चकरीनुमा मोटरें लगा रखी हैं। ये मोटरें दिनभर चलती रहती हैं। यहां तक कि जब किसी वाहन की धुलाई नहीं हो रही होती है तब भी हाइवे से गुजरने वाले वाहनों को आकर्षित करने के लिए भी फव्वारे के रूप में तेज प्रेशर से पानी बहाया जाता है। चंद रुपयों कमाने की लालच में निजी गैराज संचालक खुलेआम जल अपव्यय तो कर ही रहे हैं बल्कि अंधाधुंध दोहन से क्षेत्र में भू-जल स्तर गहराता जा रहा है और डार्क जोन का खतरा मंडरा रहा है।

रोकने की जिम्मेदारी किसकी!
जलदाय विभाग ब्यावर के अधिशासी अभियंता राजेंद्र जैमन ये तो स्वीकार करते हैं कि वाहन धुलाई के नाम पर पानी की बर्बादी की जा रही है लेकिन कार्रवाई के लिए प्रशासन को अधिकृत बताते हैं। जबकि प्रशासन बोरिंग निजी खातेदारी भूमि पर खुदा होने का हवाला देकर शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की बात करता है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी भी कार्रवाई के सवाल पर मौन धारण किए है।

एक्सपर्ट व्यू.... सख्ती से रुके जल अपव्यय
राजमार्ग पर वाहनों को धुलाई का कार्य किया जाता है। यह नियमों के तहत नहीं किया जा सकता है। गैराज संचालक राजमार्ग पर ही फव्वारा लगाकर छोड़ देते हैं। इससे गुजरने वाले वाहन चालकों को भी परेशानी होती है। पानी की बर्बादी पर सख्ती होनी चाहिए।
-मदनसिंह, सेवानिवृत्त सहायक अभियंता, पीडब्ल्यूडी ब्यावर


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