अजमेर. दुष्कर्म, छेड़छाड़ जैसी दिल दहलाने वाली घटनाओं से सिर झुक जाता है। महिलाएं किसी की मिल्कियत अथवा उपभोग की वस्तु नहीं है। उसे समाज में उतनी ही प्रतिष्ठा और अधिकार हैं, जितने पुरुष को प्राप्त हैं। समाज को इस सोच से बाहर निकलकर महिलाओं को सम्मान देना होगा। यह बात केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कही।
एक वैवाहिक कार्यक्रम में अजमेर आए राज्यपाल खान ने कहा कि हैदराबाद, उन्नाव जैसी जघन्य घटनाएं शर्मसार पूरे देश और समाज को शर्मसार करने वाली हैं। महिलाओं से घृणित अपराध होते देखना भी दु:खद है। ऐसी मानसिकता और कुत्सित अपराधों की उत्पत्ति कहां से हो रही है, इसकी गहराई में जानने की बहुत आवश्यकता है।
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यह नहीं हमारे देश की परम्परा
राज्यपाल खान ने कहा कि भारत यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता…की मान्यता वाला मुल्क रहा है। यहां प्राचीनकाल से महिलाओं को विदुषी और बराबरी का दर्जा दिया जाता रहा। महिलाएं कमजोर, पिछड़ी अथवा किसी की मिल्कियत नहीं है। उन्हें पुरुषों के समान सारे अधिकार प्राप्त हैं। वह भी समाज में उतनी ही प्रतिष्ठा की अधिकारी है, जितना पुरुष है। महिलाओं-बालिकाओं से दुष्कर्म, छेड़छाड़, मारपीट जैसी घटनाएं शर्मसार करने वाली हैं। हमारा देश ऐसी परम्परा वाला नहीं है।
करनी पड़ेगी चेतना जागृत
राज्यपाल ने चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति किस नजरिए से सोचा जा रहा है, इसका संबंध अंत:करण और चेतना से जुड़ा है। कहीं ना कहीं हमें अपनी चेतना जाग्रत करने के साथ-साथ सोच को बदलना होगा। आज महिलाएं सभी क्षेत्र में अग्रणीय है। वह कंप्यूटर से लेकर हथियार चलाना जानती है। हमें समाज और परिवार में बैठकर गंभीर विषयों पर चर्चा करनी होगी। हम ज्ञान के युग, आईटी के दौर में है। महिलाओं-बालिकाओं को किसी लिहाज से हमें कमजोर नहीं मानना चाहिए।