अचानक नियम लागू सांसद ने पत्र में बताया कि 1 जून 2020 से मिठाई विक्रेताओं को इससे नुकसान हो रहा है। भारतीय मिठाई निर्माता सालों से भारतीय उपभोक्ताओं की सेवा कर रहे हैं। यह अचंभे की बात है कि एफएसएसएआई ने अचानक यह नियम लागू कर दिया, जबकि हमारे देश में ऐसा कोई भी नियम विदेशी और अन्य खुली किसी भी खाद्य वस्तुओं पर नहीं है।
जटिलताओं और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा सांसद ने कहा है कि देश के मिठाई निर्माता इस नियम को व्यावहारिक नहीं मानते। साथ ही यह नियम केवल मात्र जटिलताओं और इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा देने वाला है, जबकि वर्तमान कोरोना महामारी से उत्पन्न विशेष परिस्थितियों में जब उनके समक्ष अपने व्यवसाय को बचाना अधिक जरूरी है। ऐसे में इस प्रकार का जटिल नियम व्यापारिक माहौल को और अधिक नुकसानदायक बनाएगा।
भारतीय सांस्कृतिक उद्यमों को बढ़ावे की जरूरत चौधरी ने ऐसे नियम को जल्द निरस्त करने की मांग की है। इससे न सिर्फ भारतीय देशी मिठाई निर्माताओं के लिए अच्छा होगा, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक उद्यमों को उत्साहित भी करेगा। वर्तमान समय में इसकी जरूरत भी है। सांसद ने बताया कि गत दिनों देशी मिठाई विक्रेता संघ के प्रतिनिधि मंडल ने इस आदेश को निरस्त कराने का उनसे आग्रह किया था।