ओमिक्रॉन संक्रमण मरीज के घर के आसपास के बरती जा रही लापरवाही, बेखौफ होकर गली में साइकिलें दौड़ा रहे बच्चे, अभिभावक भी नहीं कर रहे जागरूक
अजमेर. घनी आबादी के बीच पीडि़त के घर के बाहर आवाजाही रोकने को लगी बल्लियां, पास ही मकान के बाहर खड़ी कार और गली में बेखौफ साइकिल चलाते बच्चे, मोटरसाइकिल पर बिना मास्क लगाए निकलते युवक खुद संक्रमण को न्यौता देते मिले। आसपास के घरों के दरवाजे बंद तो एक युवक गेट खोल बाहर झांकता मिला तो कोई खिड़की के अंदर से झांकता मिला। यह हालात चन्द्रवरदाईनगर स्थित नवदुर्गा कॉलोनी के नजर आए। जहां ओमिक्रॉन का पहला मामला चिह्नित हुआ है।
यहां पश्चिमी अफ्रीका के घाना देश से आए 28 वर्षीय युवक की ओमिक्रॉन की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। पत्रिका की ओर से जब कंटेनमेंट जोन के हालात जाने तो सामने आया कि कई लोग लापरवाही बरत रहे हैं। बिना मास्क के घूमते कुछ लोगों ने बाद में गमछा या रुमाल को मास्क के विकल्प के रूप में लगाने का प्रयास किया।
पास की गली में बिना मास्क के बच्चों का झुंड
नवदुर्गा कॉलोनी में संक्रमित युवक के घर के पास की गली में आठ- दस बच्चे दोपहर करीब 3.30 बजे बिना मास्क लगाए खेलते मिले। एक बुजुर्ग महिला ने फोटो खींचने पर पूछा और जब बच्चों को मास्क लगाने की हिदायत को कहा तो तत्काल उन्होंने बच्चों को घरों में भेजा और मास्क लगाने को कहा। यहां तक बुजुर्ग महिला भी मास्क लगाए बैठी मिली। गली के मुहाने पर निर्माण करते कारीगर, मजदूर भी बिना मास्क लगाए मिले।
कॉलोनी में दो दिन से नजर आया बदलाव . . .
पत्रिका से बातचीत में एक दम्पती ने बताया कि पहले लोग, महिलाएं घरों के बाहर बैठते थे, बातें करते थे, बच्चे बाहर खेलते थे लेकिन ओमिक्रॉन की सूचना मिलने के बाद अब लोग घरों में रह रहे हैं, मास्क लगा रहे हैं। उन्होंने परिजन की ओर से लापरवाही बरतने पर नाराजगी जताई।
दिन में एक बार हाइपोक्लोराइड का स्प्रे
क्षेत्रवासियों ने बताया कि दो दिनों से दोपहर में नगर निगम की गाड़ी आती है और हाइपो क्लोराइड का स्प्रे करके जाती है। हालांकि सफाई व्यवस्था माकूल नहीं है।