
न मुकदमा न वकील फैसला
अजमेर.
न कोई मुकदमा, न कोई वकील। विवाद जर का हो या जोरू का। सब पर फैसला समाज के पंच ही देते हैं। अजमेर में दरगाह क्षेत्र में बड़े पीर साहब के चिल्ले पर रविवार रात देश की यह एक अनोखी अदालत लगी। यहां समाज विशेष के लोग देशभर से जुटे। एक-एक करके विवाद पंचों के सामने रखे गए। जब वर्षों पहले हुए बाल विवाह के बाद भी पुत्रवधू को विदा नहीं कर उसका अन्यत्र विवाह करने का विवाद सामने आया तो दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। दरगाह थाना पुलिस ने मामले में दस जनों को शांतिभंग में गिरफ्तार कर लिया।
बड़ा पीर साहब के चिल्ले में रविवार रात ढाई बजे चल रही पंचायत में अचानक हंगामे के साथ लाठी-भाटे शुरू हो गए। किसी ने ल_ बरसाए तो किसी ने पत्थर। अचानक हुए झगड़े से अफरा-तफरी का माहौल गया। यहां मौजूद सिपाहियों ने बीच बचाव का प्रयास किया लेकिन दोनों तरफ से बरसते पत्थर, पट्टी के टुकड़ों से खुद को बचाया। सूचना मिलते ही थानाप्रभारी हेमराज मय जाब्ता पहुंचे। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रण में किया। पुलिस ने मामले में 10 जनों को शांतिभंग मे गिरफ्तार किया। जिन्हें सोमवार दोपहर अदालत में पेश किया जहां से पाबंद की कार्रवाई कर छोड़ दिया गया।
ये है विवाद
पंचायत में विवाद का मूल कारण बाल विवाह के बाद युवती का विवाह अन्यत्र स्थान पर किए जाने से हुआ। वर पक्ष ने बताया कि युवती से उसके बेटे का विवाह बचपन में हुआ था। उसने विवाह के वक्त वधू पक्ष को तीस हजार रुपए भी दिए थे। वह रविवार रात पंचायत में अपने गवाह भी साथ लेकर आया था।
पंचायत पर लगे रोक
चिल्ले के मुतवल्ली अफसर अली ने पंचायत में होने वाली हिंसा को देखते हुए भविष्य में पंचायत पर रोक लगाने की बात कही। थानाप्रभारी हेमराज ने भी भविष्य में पंचायत नहीं करने देने की हिदायत दी।
इनका कहना है...
बड़े पीर साहब के उर्स में मुस्लिम नट समाज लोग समाज की पंचायत चल रही थी। पंचायत में दो पक्षों में विवाद हो गया। दस जनों को शांतिभंग में गिरफ्तार कर पाबंद किया गया है। भविष्य में पंचायत न करने की भी हिदायत दी गई है।
-हेमराज, थानाधिकारी दगाह
Published on:
10 Dec 2019 06:00 am
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