
elivated road
शहर में यातायात समस्या के समाधान के लिए प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के निर्माण में खुद अजमेर विकास प्राधिकरण रोड़ा बना है। सरकार ने एडीए की नकारात्मक रिपोर्ट के बाद ही रोड के प्रस्ताव को वापस लौटाया।
शहर के विधायक, दोनों राजनीतिक दल, शहर के प्रमुख सामाजिक संगठन और प्रबुद्ध नागरिक बीते एक दशक से जिस एलिवेटेड रोड की मांग कर रहे हं, उसे अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा के भाई की पृथ्वीराज मार्ग स्थित दुकान को प्रभावित होने से बचाने के लिए औचित्यहीन करार दिया गया है।
मुख्यमंत्री फरवरी में बजट पूर्व चर्चा के लिए अजमेर आई थीं। उस दौरान शहर के विधायकों, मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों ने यातायात समस्या के समाधान के लिए एलिवेटेड रोड के निर्माण की मांग उठाई। नगरीय विकास विभाग ने रोड को लेकर अजमेर विकास प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी। एडीए ने 14 मार्च को विभाग को नकारात्मक रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट में एलिवेटेड रोड को औचित्यहीन बताया गया।
रिपोर्ट के फैक्ट
- स्टेशन क्षेत्र के पास पृथ्वीराज मार्ग व कचहरी रोड व्यस्ततम व्यावसायिक क्षेत्र है, आम आदमी का इस क्षेत्र में आवागमन होता है। इस क्षेत्र में आने के लिए एलिवेटेड रोड का कोई उपयोग नहीं होगा।
- व्यावसायिक क्षेत्र के परिपेक्ष्य में एलिवेटेड रोड बहुत ज्यादा उपयोगी साबित नहीं होगी। स्टेशन रोड के यातायात में कमी नहीं आएगी।
- एक इतना बड़ा निर्माण हो जाने से पूरी सडक पर उपर छत बन जाएगी। जिसके कारण प्रदूषण और सफोकेशन की स्थिति बनेगी जो स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल होगी।
- कचहरी रोड़ पर चौड़ाई कम होने से एलिवेटेड रोड मकानों की सुरक्षा के विपरीत होगी।
- 2013 में इसकी लागत 200 करोड़ आंकी गई थी जो अब बढ़कर 300 करोड़ हो गई है। इतनी बड़ी लागत के कार्य की वर्तमान में उपयोगिता नहीं है इसलिए इसका निर्माण किया जाना उचित प्रतीत नहीं होगा।
एडीए अध्यक्ष से सवाल-जवाब
पत्रिका - आपने एलिवेटेड रोड के प्रस्ताव का विरोध क्यों किया?
हेड़ा - ऐसा नहीं है। हमने स्वयं इसका सर्वे कराया है। यदि कोई मुझे सुझाव देता है तो मैं उस पर अपने इंजीनियर से बात करता हूं, इसमें क्या गलत है। हम अपने हिसाब से ही काम करेंगे।
हेड़ा - मैंने किसी प्रस्ताव का विरोध नहीं किया है। मुख्यमंत्री अजमेर आईं, तब इसकी बात उठी थी। मैंने इसकी उपयोगिता (फिजिबिलिटी) की जांच कराई तो उसमें इंजीनियर्स ने इसे उपयोगी नहीं बताया। इंजीनियर्स की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार को जवाब भेजा।
पत्रिका - ऐसा आरोप है कि एलिवेटेड रोड के निर्माण से आपकी बैटरी की दुकान प्रभावित हो रही थी इसलिए आपने उसका विरोध किया?
हेड़ा - मेरे नाम से कोई दुकान नहीं है, वह दुकान मेरे भाई की है जो 1968 से किराए पर है। यह राजनीतिक आरोप लगाए जा रहे हंै।
पत्रिका - पहले भी एडीए के ही इंजीनियर्स ने शहर में एलिवेटेड रोड की आवश्यकता बताते हुए इसके निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था। अब यह परिवर्तन कैसे हुआ?
हेड़ा - मुझे पता नहीं कि पहले किसने कैसे रिपोर्ट तैयार की थी।
पत्रिका - एडीए ने सरकार को भेजी रिपोर्ट में इसकी लागत अधिक आने और सफोकेशन की बात कही है। जयपुर सहित अन्य शहरों में फ्लाइओवर और एलिवेडेट रोड हैं, वहां तो सफोकेशन की समस्या नहीं है?
हेड़ा - वहां रोड का स्पान कितना है, यह देखना चाहिए। हमारे यहां पर सड़क की चौड़ाई कम है, आगरा गेट से मार्टिण्डल ब्रिज और बस स्टैण्ड से गांधी भवन दो ही प्रमुख मार्ग हैं।
पत्रिका - आपकी पार्टी के विधायक और संगठन के पदाधिकारी तो एलिवेटेड रोड के पक्ष में थे?
हेड़ा - सबकी अपनी अपनी सोच हो सकती है।
पत्रिका - तोपदड़ा बाईपास का प्रस्ताव भू कारोबारी के अनुसार तैयार किया जा रहा है क्या?
Published on:
07 Aug 2016 07:16 am
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