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Online Fraud : पुलिस के कागजों में शोभा बढ़ा रहे हैं ऑनलाइन ठगी के मामले

पांच महीने में दर्ज हुए कई मामलेपीडि़त भी अन्जाने में दे रहे ठगों को व्यक्तिगत जानकारी

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Online Fraud : 100 रुपए के चक्कर में खाते से उड़ाए 40 हजार, 20 मिनट बाद फिर ठग लिए 38 हजार

अजमेर. ऑनलाइन ठगी के मामले शहर में बढ़ रहे हैं। बीते पांच महीने में लाखों रुपए लोगों के खाते-एटीम से निकल गए। पुलिस थानों के कागजों में रिपोर्ट दर्ज हुई। ज्यादातर मामलों में पीडि़तों को कोई राहत नहीं मिली। पुलिस ठगी गई रकम वापस नहीं दिला पाई। लेकिन रकम उडऩे के मामलों में पीडि़त भी कम जिम्मेदारी नहीं हैं। ठगों को ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) और खाते के नंबर बताने के चक्कर में ही उन्हें चपत लगी है।
बीते दो-तीन साल में ऑनलाइन ट्रांजिक्शन को बढ़ावा देने के साथ ऑनलाइन क्राइम भी बढ़ गया है। अजमेर भी इसमें पीछे नहीं है। यहां हर महीने ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। इनमें ठगों द्वारा बड़ी रकम उड़ाने के मामले ही पुलिस में दर्ज हुए हैं। छोटी रकम के कई मामलों में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं होती है।

पिछले पांच महीने में हुए मामले
-८ अगस्त को एआरजी टाउनशिप में रहने वाले संजय गर्ग के एचडीएफसी बैंक खाते से २८ हजार ८३६ रुपए निकल गए

१० अगस्त को आजाद नगर खानपुनार निवासी मोहम्मद हुसैन और उसकी पत्नी के खाते से ४०-४० हजार रुपए उड़ाए

-१६ सितंबर को नील मिश्रा के पृथ्वीराज मार्ग स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से ठग ने कार्ड बदलक ६७ हजार रुपए पार
-३ अक्टूबर को प्रताप नगर लोहाखान निवासी अजीत सिंह राठौड़ के जयपुर के भांकरोटा स्थित आंध्रा बैंक के एटीएम से ५.२८ लाख की निकासी

-तन हाउस मोती महल नगीना बाग निवासी संजय गर्ग के खाते से ठगों ने ८० हजार रुपए निकाले

१७ अक्टूबर सुभाष नगर नारीशाला रोड निवासी सुरेशचंद्र पाखरोट के खाते से दो बार में ८७-८७ हजार और सोमलपुर रोड चिश्तिया मदरसे के सामने रहने वाले ताजुल इस्लाम के खाते से ८४ हजार रुपए निकाले

जिम्मेदार कौन!
ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामले के लिए संबंधित थाना अधिकारी और बीट कांस्टेबल।

केवल अमित राठी गिरफ्तार

ऑनलाइन ठगी के मामलों में पुलिस ने सिर्फ अमित राठी को गिरफ्तार किया है। राठी ने सुरेशचंद्र पाखरोठ, ताजुल इस्लाम सहित अन्य लोगों को क्रेडिट कार्ड बनाने, मोबाइल एप डाउनलोड करने का झांसा देकर ई-मित्र पर रकम ट्रांसफर की। ऑनलाइन ठगी अन्य मामलों में पुलिस के कागजों में सिर्फ रिपोर्ट दर्ज है।

लोग भी हैं जिम्मेदार
-बताते हैं अज्ञात व्यक्ति/ठगों के फोन करने पर ओटीपी

-बैंक खाते के नंबर, पिन भी बताने से नहीं चूकते
-फंसते हैं ठगों के फर्जी क्रेडिट/डेबिट कार्ड बनाने के जाल में

-मोबाइल पर आने वाले ओटीपी अथवा लिंक को करते हैं शेयर

सतर्क रहें लोग
पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि बैंक और पुलिस के बार-बार जागरुक करने के बावजूद लोग ओटीपी और अन्य जानकारियां अन्जान को बता देते हैं। लोगों को सतर्क और जागरुक रहने की बेहद आवश्यकता है। लोग किसी भी अन्जान व्यक्ति के मोबाइल या लैंडलाइन पर कॉल आने पर उससे खाते या अन्य व्यक्तिगत जानकारियां शेयर नहीं करें। ऐसे मामलों में तत्काल पुलिस को जानकारी दें।