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आरएसएस से जुड़े सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी

सरकार ने मांगी रिपोर्ट : जारी करना होगा स्व-घोषणा पत्र, संघ की शाखाओं व कार्यक्रमों में भागीदारी पर लगाम कसने की तैयारी

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चन्द्रप्रकाश जोशी.

अजमेर. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सरकार ने प्रदेश भर से अधिकारियों/ कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है। यही नहीं अधिकारियों एवं कर्मचारियों से स्व0घोषणा पत्र भी मांगे गए हैं। अजमेर जिला प्रशासन की ओर से संबंधित आदेश जारी कर विभागों से भी रिपोर्ट मांगी गई है।
राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के एक साल बाद ही राजस्थान विधानसभा में सदस्य (विधायक) रामकेश की ओर से विधानसभा में एक तारांकित सवाल के माध्यम से प्रदेश में आरएसएस के कार्यालयों एवं सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ओर से आरएसएस में भागीदारी रखने संबंधी सूचना मांगी गई है। इन सवालों के जवाब में सरकार ने प्रदेशभर से रिपोर्ट तलब की है। अजमेर में जिला प्रशासन की ओर से विभागवार संबंधित कर्मचारियों एवं अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी गई है।

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देना होगा स्पष्टीकरण

अजमेर के अतिरिक्त जिला कलक्टर की ओर से विभागों को एक परिपत्र जारी किया गया है। इसमें कार्मिक का नाम, पदनाम, पदस्थापित कार्यालय, कार्मिक का विभाग तथा कार्मिक आरएसएस की शाखा में किस दिनांक से भागीदारी निभा रहा है, यह सूचना मांगी गई है।

विधानसभा में ये लगाया था सवाल

-प्रदेश में कहां-कहां आरएसएस के कार्यालय एवं शाखाएं संचालित है?
-आरएसएस कार्यालयों एवं शाखाओं के संचालन में सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों की ओर से क्या भागीदारी की जा रही है?

-सरकार आरएसएस से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कर्मचारियों/अधिकारियों के विरुद्ध राजकीय सेवा नियमों के तहत नियमानुसार कार्यवाही करने का विचार रखती है।

इनका कहना है

विधानसभा का सवाल था, इसका जवाब भेजा जा रहा है। इसके तहत जानकारी ली जा रही है।
-कैलाश चन्द्र शर्मा, अतिरिक्त कलक्टर अजमेर

गैर कानूनी व असंवैधानिक

कलक्टर का यह आदेश निंदनीय है। आरएसएस सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन है। सरकारी कर्मचारियों से स्व-घोषणा पत्र मांगना गैर कानूनी एवं असंवैधानिक है। इस तरह के कई और भी सामाजिक संगठन हैं, उनसे आज तक स्व-घोषणा पत्र नहीं लिए गए हैं। सरकार का पूर्वाग्रह से ग्रस्त होना प्रतीत होता है। द्वेषतापूर्ण कार्यवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

-वासुदेव देवनानी, विधायक अजमेर उत्तर