राष्ट्रपति की पुष्कर यात्रा को लेकर पूरे पुष्कर कस्बे खासकर पुष्कर सरोवर के किनारे बने सभी 52 घाटों, ब्रह्मचौक से ब्रह्मा मंदिर तक चप्पे चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पूजन व मंदिर दर्शन के दौरान पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर सुबह 8 बजे से ही आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया। वहीं ब्रह्म चौक से लेकर ब्रह्मा मंदिर तक के बाजार की दुकानें बंद करा दी गई है। उनके ब्रह्मा मंदिर में पूजा करने के बाद ही आम श्रद्धालु प्रवेश कर सकेंगे। यात्रा को लेकर पूरा जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है।
सुरक्षा इंतजाम परखे संभागीय आयुक्त हनुमानसहाय मीणा, पुलिस महानिरीक्षक मालती अग्रवाल, जिला कलक्टर आरती डोगरा, गुप्तचर विभाग के एस. पी. सहित सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने रविवार दोनों स्थानों की बारीकी से व्यवस्थाएं जांची तथा कारकेड की रिहर्सल करवाई गई।
मंदिर की पहली सीढ़ी के पास ही पूजन उपखंड अधिकारी विष्णु कुमार गोयल ने बताया कि राष्ट्रपति कोविंद ब्रह्मा मंदिर की पहली सीढ़ी के पास ही पूजन करेगे। इसी प्रकार से ब्रह्म घाट के मुख्य द्वार पर शंकराचार्य के मंदिर के पास ही पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना करने का कार्यक्रम है। दोनो स्थानो पर सीढ़ीयां अधिक होने के कारण व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है।
कार्यक्रम पर एक नजर – राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द 14 मई को प्रात: 11 बजकर 10 मिनिट पर अजमेर से सड़क मार्ग होते हुए पुष्कर के ब्रह्म घाट पहुंचेंगे। यहां पर घाट के मुख्य द्वार पर उनका मात्र 10 मिनिट पूजा करने का कार्यक्रम तय है। उनके आगमन से दो घंटे पूर्व अर्थात प्रात: 8 बजे से ही पुष्कर सरोवर के सभी घाटो पर सुरक्षा की दृष्ठि से आम स्नानार्थियो का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। पूजा करने के बाद श्रद्धालु पुष्कर सरोवर में स्नान दर्शन व तर्पण कर सकेंगे।
पुष्कर सरोवर की पूजा के बाद दोपहर 11 बजेकर 30 मिनिट पर वे ब्रह्मा मंदिर पहुंचेंगे। इस दौरान ब्रह्म चौक से लेकर मंदिर का पूरा बाजार की दुकाने बंद रहेगी। ब्रह्मा मंदिर की सीढ़ीयां अधिक होनें कें कारण प्रशासन की ओर से ब्रह्मा देव की पूजा मंदिर की पहली सीढ़ी के पास की कराने की व्यवस्था की जा रही है कोविन्द 11 बजेकर 30 मिनिट से लेकर दोपहर 12 बजे तक पूजा अर्चना करेंगे।
32 साल बाद राष्ट्रपति का पुष्कर दौरा देश के प्रथम नागरिक की 32 साल के अन्तराल में पुष्कर यात्रा होगी। इससे पूर्व वर्ष 86 में तात्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह पुष्कर आए थे। हालांकि शंकरदयाल शर्मा एवं वैकटरमण भी पुष्कर आए थे लेकिन उस समय वे दोनो की उपरराष्ट्रपति पद पर थे। इस दौरान प्रधानमंत्री के रूप में अटलबिहारी वाजपेयी, चन्द्रशेखर, वी. पी. सिंह ने पुष्कर यात्रा की थी लेकिन देश के प्रथम नागरिक एवं सर्वाेच्च सेनापति की 32 साल बाद यह यात्रा होगी।