राजस्थान में सैर-सपाटे के आने वाले 90 प्रतिशत विदेशी पर्यटक तीर्थनगरी पुष्कर जाते हैं। उन्हें पुष्कर के रेतीले धोरों में घूमने, राजस्थान दाल-बाटी-चूरमा, कैर-सांगरी-कढ़ी, गट्टे की सब्जी और अन्य खान-पान, सरोवर पर पूजा-पाठ, मंदिरों के दर्शन और सनातन संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है। कई विदेशी पर्यटक तो शोध के लिए लम्बे अर्से तक पुष्कर में रुकते हैं।
कोरोना संक्रमण दुनिया में कहर मचा रहा है। भारत में पिछले साल मार्च से मई और इस साल अप्रेल से जून तक कई राज्यों में लॉकडाउन रहा। साल 2020 के जनवरी-फरवरी तक पुष्कर में विदेशी पर्यटकों की आवाजाही 75 से 90 प्रतिशत तक थी। इसके बाद से डेढ़ साल में 15 फीसदी विदेशी पर्यटक भी नहीं आए। पुष्कर में स्थाई रूप से रहने वाले विदेशी पर्यटकों को छोड़कर अधिकांश वापस चले गए।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स की आवाजाही कम है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2022 से फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके चलते भारत में विदेशी पर्यटकों का आवागमन कम है। पुष्कर मेले में भी परदेसी मेहमानों की उपस्थिति नहीं के बराबर है।
देशी पर्यटक-6.25 लाख (1 जनवरी से 31 दिसंबर)
विदेशी पर्यटक-1.35 लाख (जनवरी से मार्च तक)
2021 में आए देशी पर्यटक-9.15 (1 जनवरी से 31 अक्टूबर)
विदेशी पर्यटक-3.5 प्रतिशत (1 जनवरी से 31 अक्टूबर)
पर्यटन विशेषज्ञ डॉ. ए.के. रैना ने बताया कि कई यूरोपीय देशों में कोरोना का खतरा बना हुआ लेकिन अगले साल से वैक्सीनेशन, टेस्टिंग और सुरक्षा उपायों से विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढऩे के आसार हैं। राजस्थान सहित अजमेर-पुष्कर में हैल्थ प्रोटोकॉल और सुरक्षा उपाय अपनाने पर पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी।