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पंद्रह साल पुराने प्रकरणों की प्राथमिकता से सुनवाई ,बदली व्यवस्था

– राजस्व मंडल में बदली व्यवस्था, अब भोजनावकाश के बाद भी बैठ रही बेंच अजमेर. राजस्व मंडल में मुकदमों का आंकड़ा करीब 70 हजार तक पहुंच रहा है। प्रकरणों के त्वरित निस्तारण व पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता से सुनवाई के लिए मंडल अध्यक्ष ने व्यवस्था में बदलाव किए हैं। 15 साल पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता से […]

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अजमेर

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Dilip Sharma

Jan 01, 2025

rajasv mandal news

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- राजस्व मंडल में बदली व्यवस्था, अब भोजनावकाश के बाद भी बैठ रही बेंच

अजमेर. राजस्व मंडल में मुकदमों का आंकड़ा करीब 70 हजार तक पहुंच रहा है। प्रकरणों के त्वरित निस्तारण व पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता से सुनवाई के लिए मंडल अध्यक्ष ने व्यवस्था में बदलाव किए हैं। 15 साल पुराने प्रकरणों को प्राथमिकता से सुनवाई कर निस्तारण किया जाएगा। दैनिक कॉज लिस्ट में पंद्रह साल पुराने प्रकरणों की पृथक से सूची जारी की जाती है। जिनका निस्तारण करना होता है। इसी प्रकार लंच बाद भी कोर्ट में सुनवाई करने के आदेश सख्ती से लागू करने को कहा गया है।

सालों पुरानी परंपरा बदली, अब लंच बाद भी होने लगी सुनवाई

राजस्व मंडल में शुरू से ही प्रकरणों की सुनवाई सुबह 10.30 बजे से डेढ़ बजे तक होती रही है। इसके बाद बेंच नहीं बैठती थी। हालांकि सदस्य चैंबर में फैसले या कोई प्रार्थना पत्र या अन्य अर्जियों के आदेश लिखवाते थे। वकील भी लंच बाद अदालत में नहीं जाते थे। मौजूदा व्यवस्था में लंच बाद ढाई बजे से बैंच फिर मामलों की सुनवाई कर रही है। कई बार सुनवाई शाम पांच बजे बाद तक भी चलती है।

तीन घंटे में नाम मात्र का होता काम

आमतौर पर प्रत्येक बेंच में 100-150 प्रकरण कॉज लिस्ट में होते हैं। तीन घंटे की सुनवाई के दौरान किसी प्रकरण में बहस लंबी चलने पर शेष में तारीखें ही पड़ती थीं। व्यवस्था के अनुसार बहस के प्रकरण ही पहले सुने जाते थे जबकि नोटिस तामीली या अन्य इंतजार रिकार्ड में पत्रावली होने पर उनके प्रकरणों में वैसे ही तारीख पड़ती थी लेकिन इसमें खास बात थी कि पुराने केस भी तारीखों की भेंट चढ़ जाते थे।

अब पुराने प्रकरणों पर नजरराजस्व मंडल के मौजूदा अध्यक्ष ने इस व्यवस्था में बदलाव किया है रोजाना दैनिक वाद सूची में आने वाले प्रकरणों में 15 साल पुराने प्रकरणों को पहले सुना जाएगा।

इनका कहना है

पुराने केसों को निपटाने के लिए मंडल प्रशासन ने नई व्यवस्था बनाई है। इससे पुराने प्रकरण की सुनवाई गति पकड़ेगी। पक्षकारों को भी जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जगेगी।मनीष पांडिया, सचिव राजस्व बार एसोसिएशन अजमेर।