scriptRPSC: 14 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल घोषित | RPSC: 14 Aspirants appear in interview with high court decision | Patrika News

RPSC: 14 अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए सफल घोषित

locationअजमेरPublished: Jul 31, 2020 07:21:50 am

Submitted by:

raktim tiwari

उपनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर परीक्षा-2016।

rpsc ajmer

rpsc ajmer

अजमेर.

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के तहत उपनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर परीक्षा-2016 के तहत 14 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए सफल घोषित किया है।

सचिव शुभम चौधरी ने बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा विभिन्न रिट याचिकाओं में पारित अंतरिम की पालना में महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय ने पनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर परीक्षा-2016 की शारीरिक दक्षता परीक्षा कराई थी। इसका परिणाम 8 जनवरी को जारी किया गया था। आयोग ने इसके क्रम में 14 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए उनकी पात्रता की शर्त पर अस्थाई रूप से घोषित किया है। अभ्यर्थियों को विस्तृत आवेदन पत्र दो प्रतियों में भरकर शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के साक्षात्कार के दौरान प्रस्तुत करने होंगे।
शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए सफल
इसी तरह राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा एस.बी. सिविल रिट याचिका में 18 सितंबर 2019 को पारित अंतरिम आदेश के तहत उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2016 में अभ्यर्थी मंजू चौधरी (रोल नम्बर 355617) को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए अस्थाई रुप से सफल घोषित किया गया है।
उत्तीर्णांक प्राप्त करने में असफल
सचिव चौधरी ने बताया कि उप निरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा- 2016 की लिखित परीक्षा के परिणाम के तहत अभ्यर्थी दीपेश कुमार (रोल नम्बर-240241) को पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा में 25 अंक मिले। प्राप्तांकों एवं परिणाम की स्थिति अनुसार अभ्यर्थी सम्बन्धित सेवा नियमानुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त करने में असफल रहा है।
कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन से एग्जाम तक होंगे ये बदलाव

अजमेर. नई शिक्षा नीति के अनुसार महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय तैयारियों में जुट गया है। डीन कमेटी की बैठक में प्रवेश से परीक्षा तक एकरूपता को लेकर चर्चा की गई है। विवि प्रशासन ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी किया।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, आनंदम कोर्स, विश्वविद्यालय और कॉलेज की परीक्षा और शिक्षा प्रणाली में एकरूपता पर चर्चा हुई। इस दौरान नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रवेश, कोर्स और प्रायोगिक परीक्षा को समान बनाने, एक वर्षीय सर्टिफिकेट, दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर विचार-विमर्स हुआ। डॉ. डॉली दलेला, डॉ. एम.एल.अग्रवाल, प्रो. शिवप्रसाद, प्रो. शिवदयाल सिंह, प्रो. मनोज कुमार और अन्य मौजद थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो