शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए सफल
इसी तरह राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा एस.बी. सिविल रिट याचिका में 18 सितंबर 2019 को पारित अंतरिम आदेश के तहत उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2016 में अभ्यर्थी मंजू चौधरी (रोल नम्बर 355617) को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए अस्थाई रुप से सफल घोषित किया गया है।
इसी तरह राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा एस.बी. सिविल रिट याचिका में 18 सितंबर 2019 को पारित अंतरिम आदेश के तहत उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2016 में अभ्यर्थी मंजू चौधरी (रोल नम्बर 355617) को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए अस्थाई रुप से सफल घोषित किया गया है।
उत्तीर्णांक प्राप्त करने में असफल
सचिव चौधरी ने बताया कि उप निरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा- 2016 की लिखित परीक्षा के परिणाम के तहत अभ्यर्थी दीपेश कुमार (रोल नम्बर-240241) को पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा में 25 अंक मिले। प्राप्तांकों एवं परिणाम की स्थिति अनुसार अभ्यर्थी सम्बन्धित सेवा नियमानुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त करने में असफल रहा है।
सचिव चौधरी ने बताया कि उप निरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा- 2016 की लिखित परीक्षा के परिणाम के तहत अभ्यर्थी दीपेश कुमार (रोल नम्बर-240241) को पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा में 25 अंक मिले। प्राप्तांकों एवं परिणाम की स्थिति अनुसार अभ्यर्थी सम्बन्धित सेवा नियमानुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त करने में असफल रहा है।
कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन से एग्जाम तक होंगे ये बदलाव अजमेर. नई शिक्षा नीति के अनुसार महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय तैयारियों में जुट गया है। डीन कमेटी की बैठक में प्रवेश से परीक्षा तक एकरूपता को लेकर चर्चा की गई है। विवि प्रशासन ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन भी किया।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, आनंदम कोर्स, विश्वविद्यालय और कॉलेज की परीक्षा और शिक्षा प्रणाली में एकरूपता पर चर्चा हुई। इस दौरान नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रवेश, कोर्स और प्रायोगिक परीक्षा को समान बनाने, एक वर्षीय सर्टिफिकेट, दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर विचार-विमर्स हुआ। डॉ. डॉली दलेला, डॉ. एम.एल.अग्रवाल, प्रो. शिवप्रसाद, प्रो. शिवदयाल सिंह, प्रो. मनोज कुमार और अन्य मौजद थे।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, आनंदम कोर्स, विश्वविद्यालय और कॉलेज की परीक्षा और शिक्षा प्रणाली में एकरूपता पर चर्चा हुई। इस दौरान नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रवेश, कोर्स और प्रायोगिक परीक्षा को समान बनाने, एक वर्षीय सर्टिफिकेट, दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करने पर विचार-विमर्स हुआ। डॉ. डॉली दलेला, डॉ. एम.एल.अग्रवाल, प्रो. शिवप्रसाद, प्रो. शिवदयाल सिंह, प्रो. मनोज कुमार और अन्य मौजद थे।